अमित गुप्ता
कालपी जालौन आगामी 10 जुलाई को मनाये जाने बकरीद के पर्व को मद्देनजर रखते हुए इस्लामिक विद्वानो ने जानकारियां दी हैं।
बड़ी मस्जिद के इमाम हाफिज इरशाद अशरफी ने बताया कि इस्लामी साल का आखिरी महीना है जिसे ईद-उल-अज़हा(बकरीद) के नाम से पुकारा जाता है। पूरी दुनिया में लोग अल्लाह की राह में कुर्बानी पेश करते हैं।
जुमे की नमाज के पहले त्योहार के बारे में जानकारी देते हुए इमाम हाफिज इरशाद अशरफी ने बताया कि ये महीना बहुत ही अजमत व मर्तबे वाला महीना है। इसका चांद नजर आते ही उस अज़ीमुश्शान क़ुरबानी की याद ताजा हो जाती है। जिसकी मिसाल इंसान पेश नही कर सकता। वो हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने पेश की थी। उन्हीं की सुन्नत को अदा करने के लिए मुसलमान अपने खूबसूरत जानवरों की कुर्बानी अल्लाह की राह में पेश करते हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि खुली जगह पर कुर्बानी ना करें। और बन्द जगहों पर जहां जहां कुर्बानियां हो वहां साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखें।,किसी जगह पर या नालियों में न बहाए। नगर पालिका ने जो स्थानों पर मलबा इकट्ठा करके उठाने का इंतजाम किया है वहीं पर इनको डालें अपने आसपास की जगहों की सफाई करने की व्यवस्था बनाए रखें। मदरसा दारुल उलूम गौसिया मजीदिया के प्रन्सिपल मुफ़्ती तारिक़ बरकाती ने जुमे की नमाज़ से पहले अपनी तक़रीर में कुर्बानी के मसलो को बताया कि किस तरीके से क़ुर्बानी होनी चाहिए और ये क़ुर्बानी अल्लाह की राह में बहुत पसंदीदा अमल है इसे ख़ुशदिली से अदा करना हर साहिबे इस्तेताअत पर लाज़िमी है।
तकिया मस्जिद के इमाम हाजी अब्दुल मुजीब(अल्लामा) ने बताया कि ये क़ुर्बानी 10,11,12 तारीखों में 3 दिन की जाती है। जहां पर भी क़ुर्बानी हो वहां साफ सफाई करने की अपनी जिम्मेदारी समझना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से पेयजल,विजली आपूर्ति तथा सफाई की समुचित व्यवस्था करने की अपेक्षा की है।
फ़ोटो- जानकारी देते मुस्लिम धर्मगुरु