बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन(उरई)। क्षेत्रीय ग्राम कुसमरा में भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। वृंदावन धाम से पधारे कथा व्यास पं. भरतराज शास्त्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं।
क्षेत्रीय ग्राम कुसमरा में साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के चैथे दिन वृंदावन धाम से पधारे भागवताचार्य पं. भरतराज शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग व उनके जन्म लेने के गूढ़ रहस्यों को विस्तृत रूप से सुनाया। कथा प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा के दौरान जैसे ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। इस मौके पर पारीक्षित आदर्श शिवहरे, सुखलाल कुशवाहा, बालकदास त्यागी, आसू पंडित, विजय, वीरेंद्र, नन्हे बुधौलिया आदि मौजूद रहे।