कोंच(जालौन)। नगर के बीचोंबीच चंदकुआँ पर अवस्थित ऐतिहासिक स्मारक के दिन एक बार फिर बहुरने वाले हैं। पालिका प्रशासन द्वारा सवा बारह लाख रुपये की लागत से उसका सौंदर्यीकरण कार्य कराया जा रहा है। पालिका प्रशासन का मानना है कि सौंदर्यीकरण के बाद वहां स्थापित वीरांगना लक्ष्मीबाई की प्रतिमा एक नए रूप में होगी। फिलहाल बीते कुछ दिनों से सौंदर्यीकरण कार्य रुका हुआ पड़ा है।
बारहवीं शताब्दी में नगर के मुख्य राजमार्ग पर ऐतिहासिक विशाल कुएं का निर्माण कराया गया था जिसमें आसपास और कुएं की आंतरिक भित्तियों पर उकेरी गई कलाकृतियां तत्कालीन समृद्ध स्थापत्य कला की मूक साक्षी रहीं। इतिहास के जानकारों की अगर मानें तो उक्त कुएं का निर्माण चंदवरदाई ने कराया था जिसके कारण इसका नाम चंदकुआं पड़ा। तकरीबन साढे तीन दशक पूर्व पालिका प्रशासन ने जर्जर हो चुके उस कुएं को पाट कर उसके ऊपर रानी झांसी वीरांगना लक्ष्मीबाई की प्रतिमा स्थापित करा दी थी। हालांकि लगभग बारह वर्ष पहले पालिका ने उक्त स्मारक का सौंदर्यीकरण कराया था लेकिन उसमें हो चुकी टूटफूट के चलते उसकी काया कुछ बदरंग सी हो चली थी। अब पालिका के मौजूदा प्रशासन ने एक बार फिर उसके सौंदर्यीकरण का बीड़ा उठाया है। राज्य वित्त की 12 लाख 26 हजार की धनराशि से इसका सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। इसमें कुएं पर सरियों का जाल बिछा कर छह इंच मोटा लेंटर डालने के साथ साथ बुडिन डिजाइन की रेलिंग लगाया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा मूर्ति के ऊपर छह फीट व्यास की छतरी का निर्माण कराया जा रहा है ताकि मौसम के थपेडों की मार से मूर्ति सुरक्षित रह सके। मूर्ति पर माल्यार्पण करने के लिए सीढियां भी बनाई जा रही हैं और स्मारक के चारों ओर सुंदर लाइटिंग भी लगवाई जाने की बात कही जा रही है।फिलहाल,सौंदर्यीकरण के तहत स्मारक का करीब आधा नया निर्माण किया जा चुका है,उम्मीद है जल्द ही स्मारक नए रूप में नगरवासियों के सामने होगा। इस संबंध में पालिकाध्यक्षा डॉ सरिता वर्मा का कहना है कि कुआं सदियों पुराना है और उसे पाटने के लिए जो धरातल बनाया गया था वह काफी कमजोर था जिसके चलते कुएं के धंसकने का अंदेशा पैदा हो गया था। ऐसी स्थिति में कभी भी किसी अप्रिय घटना के घटने से इंकार नहीं किया जा सकता था लिहाजा अब नई मजबूती के साथ इसका सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। वहीं बीते कुछ दिनों से निर्माण कार्य अचानक बंद हो जाने को लेकर निर्माण कार्य देख रहे पालिका के लिपिक ने बताया कि ठेकेदार के स्तर पर प्रारंभिक भुगतान में बिलंब हो जाने के चलते यह समस्या उत्पन्न हुई है लेकिन शीघ्र ही निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा।
फोटो परिचय—
जीर्णोद्धार के इंतजार में ऐतिहासिक धरोहर।