अमित गुप्ता
कालपी (जालौन) बुन्देलखण्ड प्रवेश द्वार व ऐतिहासिक नगरी कालपी में गर्व के साथ मनाया गया वीरांगना लक्ष्मीबाई का बलिदान दिवस। 1858के स्वतंत्रता संग्राम की महानायिका झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की रण स्थली कालपी के महाविद्यालय में रानी के शौर्य पराक्रम वीरता का बखान कर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
छात्राओं द्वारा रानी के वीरता से भरे जीवन पर आधारित सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी सुनाकर महिलाओं एवं बच्चियों के मन मस्तिष्क में जोश भर दिया।
वक्ताओं द्वारा रानी लक्ष्मीबाई के कालपी निवास और यहां लड़ी गई लडा़ई की विस्तृत जानकारियां साझा कीं। रानी लक्ष्मीबाई पार्क में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा ने आज प्रातः काल ही प्रथम दृष्टया रानी की विशाल प्रतिमा पर माल्यार्पण कर 1858के स्वतंत्रता संग्राम में बलिदान हुए तमाम क्रांतिकारी वीरों को नमन किया। रानी के मंत्रणा स्थल व ऐतिहासिक पाहूलाल देवालय में रानी लक्ष्मीबाई के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर आरती उतारी गई और भारत के गौरवमयी इतिहास को याद किया गया। इसी तरह नगर के उन तमाम स्थलों जहां जहां भी 1858के स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों ने यह कर अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे रानी लक्ष्मीबाई को पुष्पांजलि अर्पित की गयी इसी क्रम में कालपी कालेज कालपी में भी राष्ट्रगान के साथ सम्पन्न हुआ बलिदान दिवस पर आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम तथा
सम्पूर्ण नगर बन्दे मातरम, जय हिन्द ,भारत माता की जय, महारानी लक्ष्मीबाई अमर रहें के गगन भेदी नारों से गुंजायमान हो गया।