उरई

जमानतगीर न होने पर जेल में बन्द कैदियों की रिहाई के लिए राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

बबलू सेंगर महिया खास

जालौन। जमानतगीर न होने अथवा अधिक आयु के लोग वर्षों से जेल में बंद हैं। मानवीय आधार पर ऐसे र्व्यिक्तयों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जेल से रिहा किए जाने की मांग करते हुए बावान समाज सेवा समिति ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है।
बागवान समाज सेवा समिति के अध्यक्ष अशफाक राईन के साथ आसिफ खान, सचिन सिंह चौहान, राज मंसूरी, हुजैफा सिद्दीकी, जुल्फिकार अली, जुबैर खान, जाकिर सिद्दीकी आदि ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को संबोघित ज्ञापन एसडीएम विनय मौर्य को सौंपकर बताया कि देश में कई ऐसे विचाराधीन बंदी हैं, जिनकी सजाएं पूरी हो चुकी हैं या वे मामूली आरोपों में वर्षों से जेल में बंद हैं। कुछ बुजुर्ग ऐसे भी हैं जो बीमार हैं या जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। बावजूद इसके, केवल जमानतदार न होने के कारण वे जेल की सजा काटने को मजबूर हैं। यह न केवल न्याय की भावना के विपरीत है, बल्कि मानवाधिकारों का भी हनन है। कहा कि भारत में स्वतंत्रता दिवस केवल तिरंगा फहराने और औपचारिक कार्यक्रमों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी आजादी का दिन बने जो वर्षों से जेल की सलाखों के पीछे बंद हैं और जिनकी रिहाई में केवल कानूनी प्रक्रिया की जटिलताएं बाधा बनी हुई हैं। उन्होंने राष्ट्रपति से इस विषय में हस्तक्षेप करते हुए संबंधित राज्य सरकारों को निर्देश देने की अपील की है कि वह मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए ऐसे बंदियों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विशेष रियायत देते हुए रिहा कराएं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button