कदौरा

पंचायत भवनों की दरकार, घरों से चल रही सरकार

0 आधे-अधूरे बने पंचायत भवनों के कारण ग्रामीणों को हो रही दिक्कतें

कदौरा (जालौन)। गांव में पंचायत भवन तैयार करने का काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। जिसके चलते ब्लॉक में अभी भी पंचायत भवन आधे अधूरे बने हैं। कहीं पर भैंस बंध रही है। तो कहीं ईटा, मौरम का ढेर ही लगा है। लेकिन मजदूर नहीं दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में गांवो की सरकार प्रधानों के घरांे से ही चल रही है।
ग्रामीणों को अपने जरूरी कामकाज के लिए प्रधानों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ग्रामीणों के सभी जरूरी सरकारी काम एक ही छत के नीचे हो सके। इसके लिए पंचायत भवन बनाए जाने थे। जहां ग्रामीणों को आय-जाति और मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने की सुविधा दी जानी थी। इसने अलावा इन्हीं पंचायत भवन में अधिकारियों को बैठना था और पंचायत की बैठकें भी यही होनी थी, कदौरा ब्लाक क्षेत्र की बात करें तो यहां पर 71 ग्राम पंचायतें हैं ब्लॉक के 6 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमे अमीसा, रायड़ दिवारा, गुलौली, हरचन्द्रपुर, पाली व पंडौरा है, जिनमे गुलौली में बीम के बाद 10 माह से काम बन्द है। हरचन्द्रपुर में निर्माण के बाद अभी तक छपाई आदि नही हुई, पाली व अमीसा में छपाई तो हुई है, लेकिन अभी तक न फर्श बना और न रंगाई लिखाई हुई, रायड़ दिवारा में अभी तक छत नही पड़ी, जबकि पंडौरा गांव का पंचायत भवन का निर्माण अभी तक शुरू नही हो सका है। पंचायत का गठन हुए कई महीने बीत गए है। ग्रामीण अपने आवश्यक कार्यो के लिए ब्लॉक कार्यालय और प्रधान के घरों के चक्कर काट रहे हैं। दिनेश, भवानी दीन, एजाज खान, प्रमोद आदि का कहना है कि पंचायत भवनों के निर्माण कार्य में तेजी आनी चाहिए जिससे उनकी दिक्कतें दूर हो सके। एडीओ पंचायत रामकुमार ने कहा कि पाली अमीसा में जल्द रंगाई लिखाई कराई जाएगी, रायड़ दिवारा में छत डाली जा रही है। हरचंद्रपुर में जल्द कार्य शुरू होगा, गुलौली व पंडौरा गांव के पंचायत भवन के निर्माण के लिए निर्देश दिए गए है जल्द कार्य पूर्ण होंगे।

18 अगस्त को हुआ था भूमिपूजन

कदौरा। एक करोड़ तीन लाख रुपये की लागत से बनना थे, छह गांव में पंचायत भवनों को जिनका भूमि पूजन 18 अगस्त 2020 को पूर्व बीडीओ अतिरंजन सिंह व कालपी विधायक नरेन्द्रपाल सिंह जादौन ने किया था।
फोटो परिचय।
गुलौली में पंचायत भवन की बीम के बाद कार्य बंद व हरचन्द्रपुर का पंचायत भवन अधूरा।

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