अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन (उरई)। नवीन गल्ला मंडी में पल्लेदारी बढ़ाने की मांग को लेकर की गई हड़ताल के चलते कारोबार नहीं हुआ। पल्लेदार उनकी पल्लेदारी बढ़ाने की मांग पर अड़। पल्लेदारों के काम पर न आने से व्यापार प्रभावित हो रहा है।
नवीन गल्ला मंडी में कार्यरत पल्लेदारों ने पल्लेदारी बढ़ाने को लेकर 15 मार्च से हड़ताल की घोषणा की थी। मंगलवार को गल्ला मंडी के पल्लेदारों ने कार्य नहीं किया। पल्लेदार यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर ने बताया कि मंडी में प्रत्येक तीन साल में पल्लेदारी बढ़ाई जाती है। पिछले बार पल्लेदारी वर्ष 2018 में बढ़ाई गई थी। जो वर्ष 2021 में पुनः बढ़ाई जानी थी। लेकिन कोरोना के चलतूे व्यापारियों ने आश्वासन दिया था कि कोरोना काल में व्यापार प्रभावित हुआ है। इसलिए इस वर्ष नहीं अगली वर्ष 2022 में उनकी पल्लेदारी बिना कहे बढ़ा दी जाएगी। व्यापारियों की समस्याओं को देखकर पल्लेदारों ने भी कुछ नहीं कहा और व्यापारियों का साथ दिया। लेकिन इस वर्ष तीन माह बीतने को हैं लेकिन अभी तक व्यापारियों ने उनकी पल्लेदारी नहीं बढ़ाई है। जब पल्लेदारों ने पल्लेदारी बढ़ाने की बात कही तो व्यापारी पल्लेदारी बढ़ाने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में पल्लेदारों ने निर्णय लिया है कि जब तक उनकी पल्लेदारी नहीं बढ़ाई जाएगी तब तक पल्लेदार हड़ताल पर रहेंगे। माल की लोडिंग और अनलोडिंग आदि कार्य नहीं करेंगे। उनकी पल्लेदारी बढ़ने पर ही पल्लेदार काम पर लौटेंगे। पल्लेदारों की हड़ताल में कल्लू, लालसिंह, दिलीप, बाबू, मुहम्मद खालिद, जितेंद्र कुमार, याकूब खान, मुहर सिंह, आनंद कुमार, संजीव कुमार, चंद्रशेखर, विशाल आदि ने सहयोग किया। उधर गल्ला व्यापार कल्याण समिति के अध्यक्ष योगेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि पल्लेदार पहले बोरों को उठाते थे। अब बोरियां उठाई जा रही हैं। जिसकी पल्लेदारी 7 रुपये 20 पैसे जिले की अन्य मंडियों से सबसे अधिक है। इसके बावजूद पल्लेदारी बढ़ाने की मांग की जा रही है।
फोटो परिचय—
बैठक में शामिल पल्लेदार व गल्ला व्यापारी।