जालौन(उरई)। एडीओ पंचायचत द्वारा सफाई कर्मियों का पे बिल न भेजने एवं सफाई कर्मी को सस्पेंड किए जाने के मामले को लेकर विकास खंड परिसर में सफाई कर्मचारी अपने परिवार एवं अन्य सफाई कर्मियों के साथ आमरण अनशन पर बैठ गया। लगभग दो घंटे बाद सीडीओ के मामले की निष्पक्ष जांच के आश्वासन के बाद सफाई कर्मी अनशन से उठे। विकास खण्ड के सफाई कर्मियों ने आरोप लगाया कि नगर में तैनात एडीओ पंचायत द्वारा दिनांक 1 मई से 17 मई तक जो दैनिक आख्या रिपोर्ट भेजी गई उसमें पे बिल नही भेजा गया। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र सींगपुरा में तैनात सफाई कर्मी नरेंद्र को एडीओ पंचायत द्वारा सस्पेंड कर दिया गया। पे बिल न भेजने एवं सफाई कर्मी नरेंद्र कुशवाहा को सस्पेंड करने के विरोध में सफाई कर्मी नरेंद्र कुशवाहा अपनी पत्नी उर्मिला देवी व अपने पुत्र के साथ विकास खण्ड कार्यालय परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गए। उनके साथ अखिलेश चक्रवर्ती, रजनीकांत, जितेंद्र कुशवाहा भी आमरण अनशन पर बैठकर पे बिल भेजने और नरेंद्र कुशवाहा को बहाल करने की मांग करने लगे। इसकी खबर जब सफाईकर्मी संगठन के जिलाध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद को लगी तो वह भी विकास खंड परिसर में पहुंच गए। उन्होंने सफाई कर्मियों की मांगों को लेकर खंड विकास अधिकारी सन्तराम से बात की। जिसके बाद खंड विकास अधिकारी ने मामले की जानकारी सीडीओ को दी। सीडीओ से वार्ता के बाद खंड विकास अधिकारी ने अनशन पर बैठे सफाई कर्मियों को आश्वस्त किया कि सीडीओ तक उन्होंने मामले की जानकारी पहुंचा दी है। सीडीओ ने दो दिन में मामले को देखने और जांच कर जो सही होगा उसी के अनुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जिसके बाद आमरण अनशन पर बैठे सफाईकर्मियों ने अपना अनशन समाप्त किया। इस दौरान तकरीबन 2 घंटे तक खंड विकास कार्यालय में अनशन चलता रहा।
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