कालपी

खेत से तीन फिट ऊंचाई से गुजर रहे हाईटेंशन लाइन के तार शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई

कालपी (जालौन)। आटा गांव के अशोक लीलैंड कंपनी व रेलवे सटे लगे आटा मौज के खेतों से महज तीन फीट ऊंचाई से हाईटेंशन लाइन के तार झूल रहें हैं। इस हाईटेंशन लाइन के खेतों से गुजरने पर आटा गांव के करीब चार किसान डर से खेती नहीं पा रहे हैं, जिस जगह पर ये तार निकले किसान उस खेत की जगह को छोड़ देते हैं। उनको हर समय डर लगा रहता हैं कि यदि तारों के संपर्क में आ गए तो उनकी जान भी जा सकती हैं। किसानों ने कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों से से शिकायत की, इन तारों के खंभे जो उखड़े हुए उनको ठीक कर इन तारों ऊंचा कर दे मगर अधिकारियों ने अभी सुनवाई नहीं की।
आटा गांव के किसान महेश गुप्ता, सुरेश, कमलेश गुप्ता, मतई पाल ने बताया कि हमारे खेतों से ग्यारह हजार की हाईटेंशन बिजली की लाइन निकली है, इस लाइन के दो खंभे जमीन से उखड़ गए इस कारण से ये तार जमीन से तीन फीट की ऊंचाई पर झूल रहे हैं। अगर उखड़े हुए खंभों को खड़ा कर तारों की खिंचाई कर खंभों पर से जोड़ दिए जाएं तो जो तार खेतों में लटक रहे हैं। वह न लटके,किसानों का कहना है कि हम जब खेत पर ट्रेक्टर चलवाते हैं तो जान जोखिम में डालकर खेत का काम करवाते हैं। अगर समय रहते ही इन तारों को ठीक नहीं कराया गया तो इससे खेती बुरी तरह प्रभावित होगी।
बोले जिम्मेदार, एसडीओ शैलेन्द्र सिंह का कहना है कि खेत से निकली ग्यारह हजार लाइन के दो खंभे उखड़े उनको खड़ा कर तारों की खिंचाई कर तारों को जल्द ही ऊंचा कर दिया जाएगा।

एक साल पहले ट्रैक्टर में लगी थी आग

आटा। पिछले वर्ष जब किसान महेश गुप्ता ट्रैक्टर लेकर अपने खेत की जोताई करवा कर थे, इस दौरान ट्रैक्टर हाईटेंशन लाइन के तारों की चपेट में आ गया था, चालक की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा होने से बच गया था। चालक ने किसी तरह ट्रैक्टर को आंगे निकाल लिया था, मगर ट्रैक्टर की छतरी जल गई थी, तब खेत मालिक महेश गुप्ता ने बिजली विभाग को इस घटना के बारे में जानकारी दी थी, सिर्फ आश्वासन देकर टाल दिया गया था।

लटके तार बने पशुओं के लिए खतरा

आटा। खेत से निकली हाईटेंशन ग्यारह हजार की जान सबसे ज्यादा अगर किसी को खतरा वह पशुओं के लिए है बता दें कि पशु खेत में चरने के लिए जाते हैं।और तार जमीन से तीन फीट ऊंचाई पर है इससे अगर बिजली की सप्लाई चालू हुई तो इन बेजुबानों को अपनी जान का खतरा बना रहता हैं।

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