जालौन (उरई)। खेतों में खरीफ की फसलों की बुआई शुरू हो गयी तथा कुछ खेतों में फसलों खङी है। खेतों में फसल खड़ी होने के बाद भी गांव में बने पशु आश्रय स्थल खाली पड़े हैं तथा गोवंश खुले घूम रहे हैं। अकोढ़ी दुबे में जिला मुख्यालय से अधिकारी के सम्भावित कार्यक्रम को लेकर खाली पड़े पशु आश्रय स्थल में गोवंशों को बंद कर दिया गया। किन्तु छाया की व्यवस्था न होने के कारण वह गर्मी में तड़पते रहे। विकास खंड के ग्राम अकोढ़ी दुबे में अस्थायी पशु आश्रय स्थल बना हुआ है जिसमें जानवरों के लिए छाया की व्यवस्था नहीं है। इसके साथ ही भूसाघर भी नहीं है। भूसाघर न होने के कारण यहां पशुओं के खाने के लिए चारा की व्यवस्था नहीं है। जानवरों के पीने के लिए पानी के लिए बोरिंग है तथा चरही बनाई गयी है। गुरुवार को जनपद मुख्यालय से अधिकारी के सम्भावित कार्यक्रम को लेकर प्रशासन हरकत में आ गया। खेतों में खुले घूम रहे गोवंशों को आनन फानन में एकत्रित कर बंद कर दिया गया। पशु आश्रय स्थल में जानवरों को बंद तो कर दिया गया किन्तु आश्रय स्थल में छाया की व्यवस्था न होने के कारण पूरे दिन जानवर चिलचिलाती धूप में इधर-उधर घूम कर तड़पते रहे हैं। एक तरफ जानवर चिलचिलाती धूप से परेशान थे तो दूसरी तरफ उन्हें पेट भर चारा भी नहीं दिया गया।ग्रामीण राम भरोसे, लोटन, शिवनंदन, जगदीश बताते हैं कि किसान खेत में खड़ी मूंग खरीफ को फसल को जानवरों से बचाने के लिए परेशान थे तथा गोशाला का संचालन की मांग कर रहे हैं थे तो कोई सुन नहीं रहा था। अधिकारी के आने की सम्भावना पर ही गोशाला में जानवरों को बंद कर दिया गया। ग्रामीण ने चिलचिलाती धूप में जानवरों को को गोशाला में बंद करने पर नाराजगी जताई।
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