अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन (उरई)। चैत्र मास की नवरात्रि के पहले दिन नगर व ग्रामीण क्षेत्र के देवी भक्तों द्वारा मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। जिसमें सुबह से ही देवी मंदिरों में देवी भक्तों की भीड़ रही। हालांकि मंदिर परिसर में एक बार में 5 भक्तों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई। उधर, भक्तों ने घरों पर भी घट स्थापना की। इस दौरान पूरा नगर जय माता दी के नारों से गुंजायमान रहा। नव संवत्सर चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व के पहले दिन नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में देवी के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। पं. अरविंद बाजपेई ने बताया कि राजा हिमांचल की पुत्री पार्वती का नाम शैलपुत्री रखा गया। इनकी पूजा अर्चना करने पर सभी की मनोकामना पूर्ण होती है। क्योंकि इनकी तपस्या करने के बाद इन्हें भी मनोवांछित फल प्राप्त हुआ था। पार्वती पूर्व जन्म में सती थी। इस दौरान देवी भक्तों द्वारा 9 दिन का उपवास भी शुरू किया गया। भक्तों ने मनोकामना पूर्ण होने के लिए अपने घरों एवं मंदिरों पर घट स्थापना कर जवारे भी बोए। नगर के बड़ी माता मंदिर, छोटी माता मंदिर, नवदुर्गा मंदिर, कामाख्या मंदिर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सभी देवी मंदिरों पर महिलाओं, बच्चों एवं पुरुषों ने पूजा, अर्चना की। सुबह से ही देवी भक्तों की मंदिरों पर भीड़ रही। सुबह व शाम पूजा के लिए मंदिर जाने वाली महिलाओं एवं युवतियों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसके लिए कोतवाल शैलेंद्र सिंह, एसएसआई दिलीप मिश्र पुलिस फोर्स के साथ नगर के विभिन्न देवी मंदिरों पर लगातार गश्त करते नजर आए।
फोटो परिचय– मां शैलपुत्री