कोंच(जालौन)। भारत में सड़क हादसों में प्रतिवर्ष लाखों लोगों की मौत वक्त पर सही इलाज नहीं मिलने से हो जाती है। अगर उन्हें गोल्डन ऑवर में सही इलाज मिल जाए तो तमाम लोगों की जान बचाई जा सकती है। यह बात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नदीगांव के अधीक्षक डॉ. देवेंद्र कुमार भिटौरिया ने थाने में पुलिस जवानों को समझाते हुए कही।
सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत सीएचसी नदीगांव प्रभारी डॉ. देवेंद्र कुमार भिटौरिया ने थाना नदीगांव के पुलिस कर्मियों को गोल्डन ऑवर प्राथमिक चिकित्सा के संबंध में प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि अधिकतर घायलों को गोल्डन ऑवर में सही इलाज न मिलने से उनकी मौत हो जाती है। पुलिस कर्मचारियों को जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि किसी भी गंभीर परिस्थिति में मरीज के लिए दुर्घटना के बाद एक घंटा बेहद अहम् होता है, इस समय में दिया गया इलाज उसकी जिंदगी को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए इसे गोल्डन ऑवर कहा जाता है। यानी किसी भी हादसे के बाद एक घंटे के भीतर घायल का सही जगह पहुंचना जरूरी है। ज्यादातर मामलों में लोग गोल्डन ऑवर की अवधारणा को समझ ही नहीं पाते है जिसके दुष्परिणाम सामने होते हैं। इस अवसर पर थाना प्रभारीध् ट्रेनी सीओ गौरव सिंह, दरोगा जितेंद्र चंदेल, जाकिर अली, मुंशी विकास यादव आदि मौजूद रहे।