जालौन (उरई)। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व नलकूप स्टार्टर चोरी के मामले में साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद भी नामजद आरोपी को निकालकर फाइनल रिपोर्ट लगाने एवं कोर्ट से पुनः जाचं के आदेश के बाद भी वर्तमान विवेचक द्वारा साक्ष्यों को सम्मिलित न किए जाने से परेशान वादी ने एसपी को शिकायती पत्र देकर अन्यत्र थाने से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सिहारी पड़ैया निवासी अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार द्विवेदी ने एसपी रवि कुमार को शिकायती पत्र देकर बताया कि बीते वर्ष एक जनवरी को सुबह करीब 4 बजे गांव के ही एक व्यक्ति ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर उनके खेत में लगी बोरिंग के कमरे का ताला तोड़कर उसमें स्टार्टर चोरी कर लिया था। उन्हें चोरी करते हुए आसपास खेतों में काम कर रहे किसानों ने देखा था। जब इस बावत उन्होंने आरोपी व्यक्ति से बात की तो वह गाली, गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देने लगा और स्टार्टर देने से साफ इंकार कर दिया। जिसके बाद उन्होंने कोतवाली में उक्त व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। विवेचना कोतवाली में तैनात तत्कालीन उपनिरीक्षक रामचंद्र को सौंपी गई। उन्होंने विवेचक को चोरी से संबंधित साक्ष्य और शपथ पत्र प्रस्तुत किए। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से विवेचक ने मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। जिसके बाद उन्होंने न्यायालय का सहारा लिया और कागजातों को देखने के बाद न्यायालय ने पुनः विवेचना का आदेश पारित किया। जिसके बाद जांच एसआई शैलेंद्र सिंह को सौंपी गई। वादी का आरोप है कि उन्होंने साक्ष्य और शपथ पत्र वर्तमान विवेचक को भी सौंपे लेकिन उन्होंने लेने से इंकार कर दिया। जिसके बाद उन्होंने शपथ पत्र बजरिए रजिस्टर्ड डाक भेजे। साथ ही उन्होंने विवेचना में हीला हवाली का भी आरोप लगाया। पीड़ित अधिवक्ता ने एसपी से मामले की निष्पक्ष जांच किसी अन्य थाने से कराने की मांग की है।
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