कालपी(जालौन)। कालपी तहसील के ग्रामीणों को ब्लॉक और तहसील की भागदौड़ कम करने के लिए सरकार ने ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत घर और मिनी सचिवालय संचालित करने के निर्देश दिए थे ताकि आय जाति मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने जैसी बुनियादी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल जाए इसके लिए पंचायत सहायक भी नियुक्त किए गए हैं सरकार ने पंचायत घरों को इंटरनेट आदि सुविधाओं से जोड़ने के भी निर्देश दिए हैं इसके बावजूद अधिकारियों की उदासीनता के कारण शासन की मंशा दम तोड़ रही है कदौरा ब्लॉक की 71 ग्राम पंचायतों में से 50 में पंचायत भवन है अधिकारियों का दावा है कि शेष पंचायतों में भी मिनी सचिवालय संचालित किए जा रहे हैं इसमें 11 आंगनबाड़ी केंद्रों 4 परिषदीय विद्यालयों और पांच निजी मकानों में सचिवालय संचालित किए जा रहे हैं एक ग्राम पंचायत पंडोरा में अभी तक पंचायत भवन का निर्माण अधूरा है जिम्मेदारों की माने तो ग्राम पंचायतों के लिए कंप्यूट आदि खरीद लिए गए पर उपकरण कहा है उनका इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है इसका जवाब किसी के पास नहीं है अधिकांश पंचायत भवनों पर ताला लटका हुआ है कई गांव में मिनी सचिवालय भवन ना होने पर भी सचिवालय संचालित हैं इनमें ग्राम इटोरा ,बावनी ,परोसा, मदरालालपुर, लमसर, कठपुरवा, आटा, मटरा, गुलौली, रायड दिवारा, गढ़द्य आंगनवाड़ी केंद्रों मैं सचिवालय संचालित है पंडोरा, सौंधी ,हरचंदपुर ,कुआंखेड़ा, मे मिनी सचिवालय परिषदीय विद्यालय में संचालित है जबकि जोखाखेरा ,लुहरगांव, पिपराया, चमारी, अमीसा, परासन, मे सचिवालय निजी मकानों मे चल रहा है एडीओ पंचायत राम कुमार ने बताया कि 2 ग्राम पंचायतों हरचंद्रपुर और गुलौली मे नियुक्ति चुनाव के कारण नही हो पाई थी वहां प्रक्रिया चल रही है 71 में से 69 ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायकों की नियुक्ति की गई है ग्राम पंचायत जोल्हुपुर और पाली के पंचायत सहायकों ने अपना इस्तीफा नियुक्ति के बाद ही ब्लॉक में दे दिया था।
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