जालौन (उरई) । ग्रामीण क्षेत्रों में गांव को स्वच्छ और निर्मल रखने के लिए प्रतिमाह 19 से 20 लाख रुपये खर्च होने के बावजूद भी गांवों मे सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। गांव में गंदगी के चलते संक्रामक रोग फैलने की आशंका से ग्रामीण भयभीत हैं। ब्लॉक क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पटरी से उतरी नजर आ रही है। ब्लाक क्षेत्र के अतंर्गत 62 ग्राम पंचायतों में लगभग 97 गांव हैं, जिनमे 122 सफाई कर्मी तैनात हैं। जिनमें प्रत्येक सफाईकर्मी को वेतन के रुप में लगभग 15 हजार रुपये दिए जाते हैं। प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद ब्लॉक क्षेत्र के सभी 97 गांवों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। खनुआं, रूरा मल्लू, गूढ़ा आदि गांवों मे जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं नालियां बजाबजा रहीं हैं। जिनसे दुर्गंध निकल रही है। अब भीषण गर्मी का मौसम चल रहा है, ऐसे में गांवों में संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ गया है। जिसके चलते ग्रामीण भयभीत हैं। बताते चलें, गांव को स्वच्छ व निर्मल बनाने के लिए सरकार लाखों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते गांवों की सफाई व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतरी हुई है। ग्रामीण अरविंद कुमार, विनोद कुमार, राहुल सिंह, जनक सिंह, पुष्पेंद्र आदि बताते हैं सफाई व्यवस्था को दुरूस्त कराने के लिए कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। जिसके चलते गांव के लोग परेशान हैं। उन् होंने बीडीओ से मांग की है कि ग्रामीण क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को दुरूस्त किया जाए।
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