कालपी

परिवहन, खनिज दफ्तर के अफसरों की रैकी में शामिल बड़े शूरमा

0 शाम ढलते ही लग्जरी वाहनों में सवार होकर धंधे को देते अंजाम
0 ओवरलोडिंग के धंधे में कितने नामचीन षामिल जांच का विशय

कालपी (जालौन)। सहायक सम्भागीय परिवहन प्रवर्तन तथा खनिज विभाग की अफसरों की टीमों की 24 घंटों की गतिविधियों एवं सरकारी सूचनाओं को लीक करने के काले कारनामों में माफिया तथा बड़े-बड़े शूरमा जुटे हुये हैं। अवैध क्रियाकलापों मे जुटे लोग ओवरलोड तथा अवैध खनन के ट्रकों को रोड से सुरक्षित निकाल कर मालामाल हो रहे हैं। दिलचस्प बात यह कि प्रशासन के जिम्मेदार अफसर सब कुछ जानते हुये भी कोई दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं। आलम यह है कि शाम ढलते ही लोकेशन सरगनाओं के मेम्बर अपनी लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर फर्राटा भरते कभी भी देखे जा सकते हैं। यदि इस मामले की जिम्मेदार अधिकारी जांच करा लें तो लोकेशन के धंधे में कितने नामचीन शामिल हंै उनके नाम खुलकर सामने आ जायेगा।
ज्ञात हो कि अवैध खनन बालू, मौरम, गिट्टियों से लदी ओवरलोड गाडियां कालपी-जोल्हूपुर होकर कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी आदि जगहों के लिये फर्राटेदार तरीके से निकल जाती हैं। अवैध खनन तथा ओवरलोड वाहनों को पकड़ने के लिये परिवहन, खनिज आदि विभागों की कई टीमें सक्रिय हैं। लेकिन टीमें शिकंजा कसने में नाकाम रहती हैं। जोल्हुपुर तथा कालपी के आसपास हाइवे रोड में सक्रिय होकर माफिया मोबाइल के माध्यम से चैकिंग की पल-पल की लोकेशन देते रहते हैं। माफियाओं के गुर्गे अपना नेटवर्क फैला कर खनिज अधिकारी, ए.आर.टी.ओ. पुलिस एवं प्रशासनिक अफसरों की लोकेशन आउट कर ट्रक चालकों को उपलब्ध कराते हैं तथा बदले में मोटी रकम वसूल करते हैं। इस गोरखधंधे के कारण सरकार को राजस्व का लाखों रुपये का चूना लग रहा है।

ओवरलोडिंग पर चलेगा कानूनी हंटरःएसडीएम

कालपी। उप जिलाधिकारी केके सिंह ने बताया कि ओवरलोड ट्रकों के खिलाफ लगातार चैकिंग अभियान चलाया जा रहा और चैकिंग अभियान निरंतर चलता रहेगा। ओवरलोडिंग को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। जो भी वाहन ओवरलोड मौरम या गिट्टी भरकर सड़कों पर फर्राटा मारते दिखेगा उसके विरुद्ध कार्यवाही अमल में लायी जायेगी ताकि तहसील क्षेत्र में सक्रिय लोकेशन सरगनाओं के हाईटेक नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।

कोडवर्ड से चलता लोकेशन सरगनाओं का फंडा

कालपी। घर का भेदी लंका ढाये वाली कहावत ओवरलोड लोकेशन के लिये हकीकत में चरितार्थ साबित हो रही है। लोकेशन लेने के लिये सुबह से ही माफियाओं के गुर्गे अपनी मोटरसाइकिलों से खनिज अफसर तथा ए.आर.टी.ओ के बंगलों के चक्कर काटने लगते हैं। आर्थिक प्रलोभन के चक्कर मे विभाग के कई कर्मी भी माफियाओं से मिलीभगत बनाये रहते हैं। एक कोडवर्ड ऐसा है कि लोकेशनदाता के द्वारा सरकारी कर्मचारी से मोबाइल के माध्यम से पूछा जाता है कि वर्दी में हो। अगर कर्मचारी ने जवाब दिया कि हां तो हां शब्द के कोर्डवर्ड का अर्थ निकलता है कि रोड में चैकिंग चल रही है। इस तरह से सिस्टम मे जुड़े लोग प्रतिमाह सरकार को राजस्व का लाखों रुपये का चूना लगाने का काम कर रहे हैं।
फोटो परिचय—
फर्राटा भरता ओवरलोड मौरम भरा ट्रक।

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