विद्यालय विलय नीति का यूटा करेगा विरोध, शिक्षकों ने कहा — मर्जन नीति समाज व शिक्षा विरोधी
जालौन में यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन की बैठक, मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने का निर्णय

उरई (जालौन), 23 जून। जनपद जालौन में यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) की एक अति आवश्यक बैठक जिला अध्यक्ष नृपेंद्र देव सिंह (खरूसा) के आवास पर सम्पन्न हुई, जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जा रही 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के मर्जन की नीति का एक स्वर में विरोध किया गया।
बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर इस नीति को समाज विरोधी, छात्र विरोधी और शिक्षक विरोधी बताया गया। जिलाध्यक्ष नृपेंद्र देव सिंह ने कहा कि मर्जन नीति पूरी तरह गैर-तर्कसंगत है और इससे ग्रामीण क्षेत्र के छात्र, विशेष रूप से बालिकाएं शिक्षा से वंचित होंगी। विद्यालयों का 1 से 5 किलोमीटर के दायरे में विलय करने से ड्रॉपआउट दर में भारी वृद्धि होगी।”
उन्होंने कहा कि सरकार का “हर बच्चे को शिक्षा” देने का सपना इस फैसले से झूठा साबित होगा। ग्रामीण बालिकाओं के लिए दूरी की वजह से स्कूल जाना मुश्किल हो जाएगा, जिससे बालिका शिक्षा की सारी योजनाएं धराशायी हो जाएंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यह फैसला अगर लागू हुआ तो आने वाले समय में गांव-गांव के प्राथमिक विद्यालय अतिक्रमण की भेंट चढ़ सकते हैं। जिला संयोजक अशोक तिवारी ने कहा कि मर्जन के बाद शिक्षक सरप्लस की स्थिति में आ जाएंगे और पदोन्नति की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी। यह नीति बीटीसी, डीएलएड व बीएलएड प्रशिक्षु युवाओं के भविष्य को समाप्त करने की एक सोची-समझी साजिश है, जिससे स्थाई शिक्षक भर्तियां रोकी जा सकें। जिला महामंत्री डॉ. शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी 2004 के शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं सदन में घोषणा की थी, लेकिन उच्च अधिकारी तकनीकी बहाने बनाकर कार्यवाही में देरी कर रहे हैं।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिलाधिकारी जालौन के माध्यम से मुख्यमंत्री, राज्यपाल, सांसद, विधायक एवं जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपकर इस नीति का विरोध दर्ज कराया जाएगा और विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को शीघ्र पेंशन योजना का लाभ दिलाने की मांग की जाएगी।
बैठक में प्रमुख रूप सें शामिल हुए राजेन्द्र राजपूत (कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष), सुशील राजपूत (प्रदेश प्रवक्ता), श्यामजी गुप्ता (मंडल महामंत्री), अरविंद नगाइच (जिला संरक्षक), सुरेश वर्मा, विकास गुप्ता, रोहित कुमार, शैलेन्द्र कुमार, मु. मुहीआजम, बृजबिहारीलाल बुधौलिया, भानुप्रताप सिंह, कमल कुमार गुप्ता, उमेश मिश्रा, कृष्ण कुमार दीक्षित, उदयवीर सिंह, निरंजन, अखिलेश कुमार, मु. अख्तर खान, सुयश गुप्ता, वीरेन्द्र कुमार, जगदीश कुशवाहा, संदीप कुशवाहा, मु. फहीमुद्दीन सहित अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।