0 जिला समन्वयक ने जांच के बाद वार्डन के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की
अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन ( उरई)। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय गूढा की छात्राओं ने स्टाफ पर शोषण करने व घटिया खाना देने का आरोप लगाया था। छात्राओं द्वारा लगाये आरोप के बाद जिला समन्वयक ने मौके पर पहुंच कर जांच की तथा वार्डन के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की तो वार्डन अपने स्टाफ के साथ छात्राओं के घर पहुंच गयी तथा छात्राओं को स्कूल भेजने की अपील की।
निर्धन परिवार के होनहार छात्राओं को बेहतर शिक्षा देने के लिए सरकार द्वारा ब्लाक स्तर पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय गूढा संचालित किया जा रहा है। विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं रेश्मा, संध्या, मुस्कान व मोहनी ने रसोईया गुड्डी देवी, प्रीति, वंदना, सावित्री चैकीदार सुनील पाल पर शोषण करने तथा घटिया खाना व बासा भोजन देने का आरोप लगाया था। छात्राओं का आरोप है कि ये कर्मचारी उनसे स्कूल में जबरन काम कराते हैं तथा पानी भरने के लिए मजबूर करती है। इसके साथ ही छात्राओं ने विद्यालय कर्मचारियों पर शोषण करने का आरोप लगाते हुए कि उन्होंने इसकी शिकायत स्कूल के स्टाफ से भी की। शिकायत के बाद शिक्षिकाएं उन्हें ही डाट कर चुप करा देती थी। छात्राओं द्वारा लगाये आरोपों की हकीकत जानने जिला समन्वयक विश्वनाथ द्विवेदी ने विद्यालय जाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पंखा, राशन सामग्री और पाठ्य सामग्री वार्डन साधना निरंजन के कक्ष में मिली। इस बारे में पूछने पर वार्डन कोई संतोष जनक जवाब नहीं दे सकी। छात्रों ने आरोप लगाया कि स्टाफ के व्यवहार से उनमें डर और तनाव का माहौल है।जिला समन्वयक ने बताया कि पूछताछ में फुलटाइम टीचर वंदना और प्रीति विश्वकर्मा ने वार्डन पर बदसलूकी का आरोप लगाया है।कार्यवाही से बचने के लिए वार्डन पहुंची छात्राओं के घर जिला समन्वयक की जांच के दौरान दोषी पाये के बाद वार्डन के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है। कार्यवाही से बचने के लिए वार्डन से साधना अपनी टीम के साथ ऐदलपुर निवासी ज्ञान सिंह व इन्द्रजीत सिंह के घर पहुंच गयी तथा छात्राओं के बाबा सुरेश कुमार व दादी शीला देवी से अनुनय-विनय करने लगी कि छात्राओं को स्कूल भेजो तथा अपने आरोप वापस ले लो। अगर आरोप वापस न लिए तो अच्छा नहीं होगा।
परमार्थ ने छोड़ा संचालन का दायित्व
जालौन ( उरई)। जनपद में 8 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें 7 विद्यालयों का संचालन शिक्षा विभाग कर रहा था जबकि नगरीय क्षेत्र गूढ़ा के विद्यालय का संचालन पर्माथ समाजसेवी संस्था कर रही है। स्टाफ के असहयोग के चलते संस्था ने भी संचालन का दायित्व कोरोना काल में छोड़ दिया है।
चैकीदार के खिलाफ आखिर क्यों नहीं होती कार्यवाही
जालौन ( उरई)। विद्यालय का चैकीदार सुनील कुमार हमेशा सुर्खियों में रहता है। पिछली वार जब विद्यालय से छात्रा रात में गायब हुई थी तो चैकीदार की लापरवाही उजागर हुई थी। कर्मचारी की लापरवाही के चलते छात्रा के स्कूल से भागने जैसे मामले तथा इस पर लगाये छात्राओं के आरोप के बाद उसके ऊपर विभाग मेहरवान बना हुआ है।
वार्डन को दिया गया तीसरा नोटिस
जालौन ( उरई)। जिला समन्वयक विश्वनाथ द्विवेदी ने बताया कि वार्डन को दो चेतावनी जारी की चुकी है। अब तीसरी बार बीएसए की ओर से चेतावनी दी गई है कि तत्काल व्यवस्थाएं दुरुस्त करें। अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।