0 सीडीओ ने मौके पर तत्काल जाँच कमेटी भेजी
0 बीडीओ ,सीवीओ सहित दो पशुचिकित्सक पहुँचे स्थलीय जाँच के लिए
सत्येन्द्र सिंह राजावत
उरई(जालौन)। सपा शासन काल मे माइक्रो कामधेनु योजना की शुरुआत की गई थी।उक्त योजना के अंतर्गत 25 लाख का लाभार्थी के नाम लॉंन सेंशन किया गया था दर्जनों मिनी डेयरी खोली गई लेकिन पशुपालन विभाग के मुताविक कोंच नगर के डेयरी मात्र किर्याशील बताई गई।जबकि साधना तिवारी ग्राम अलाईपुरा विकास खण्ड जालौन द्वारा प्रशासन को बताया गया मेरी भी डेयरी क्रियाशील है।इसको बिभागीय अधिकारियों ने नकार दिया।यह सुनते ही साधना तिवारी के पति श्याम सुंदर तिवारी खाना पीना खाकर आमरण अंशन पर कार्यालय में सीवीओ को पत्र देकर लेट गए।और बबाल शुरू हो गया।
विकास खण्ड जालौन के ग्राम आलाईपुरा में बर्ष 2017 में माइक्रो कामधेनु डेयरी साधना तिवारी के नाम चल रही है। साधना के पति श्याम सुन्दर के आमरण अनशन में बैठे और उनके बबाल की भनक सीडीओ के कानों जा पहुँची।सीडीओ ने तत्काल जालौन बीडीओ और सीवीओ सुरेन्द्र सिंह व दो पशु चिकित्सको में डॉ विनय कुमार,डॉ महेंद्र राजपूत को उक्त मिनी डेयरी की जाँच करने के लिए भेजा। सीवीओ ऑफिस में इस तरह गदर काटी जिससे पूरे विकास भवन में हल चल मच गई।सीवीओ की भाषा शैली डेयरी संचालक का पति भड़क गया।डीडीओ सुभाष चन्द्रत्रिपाठी ने जमीन पर बैठकर घंटो समझाया लेकिन पीडित को समझ मे नही आई।
पीड़ित श्याम सुन्दर तिवारी ने बताया मेरी डेयरी किर्यशील है।बिभाग के एक डॉक्टर द्वारा सुविधा शुल्क मांगा था । मेरी पत्नी सुविधा शुल्क देने में असमर्थ थी।इसी कारण बस जालौन पशु चिकित्साधिकारी ने डेयरी किर्याशील न होने की गलत रिपोर्ट भेज दी।जिससे मेरा बकाया 4 लाख 50 हजार रुपए का भुकतान सीवीओ ने नही दिया । पीड़ित ने डीडीओ को बताया मेरी डेयरी में आज भी 17 भैंसे एंव गाय मिलकर लगभग 40 पशु है।जिसमे भैसे दूध दे रही है तथा 10 टन गोबर मौके पर देखा जा सकता है।बिभाग द्वारा बराबर टहलाया गया।।जब तक भुकतान नही होगा भूंखे प्यासे दप्तर में लेटे रहेगे।उक्त योजना के अंतर्गत 19 लाख रुपया शासन द्वारा तथा 6 लाख रुपया स्वयं का खर्च हो चुका है।इसके बाबजूद बकाया भुकतान नही किया जा रहा है।
जाँच कमेटी ने सौपी स्थलीय जाँच रिपोर्ट
उरई सीवीओ कार्यालय में माइक्रो कामधेनू डेयरी संचालक के पति श्याम सुंदर तिवारी के बबाल से प्रशासन हलकान हो गया।और चार घण्टे के अन्दर स्थलीय जांच सीडीओ ने मंगाई।जाँच रिपोर्ट में17 भैसे में तीन भैसे ही टैग लगी हुई मिली।और अन्य पशुओं के कान में छेद मिलें लेकिन उनका बीमा नही कराया पाया गया।डेयरी किर्याशील पाई गई।पीड़ित की मांग को शाम के 5 बजे सिटी मैजिस्ट्रेट ने भी सीवीओ कार्यालय में सुना ।और आमरण अनशन खत्म कराया।
फोटो परिचय– दप्तर लेटा पीड़ित और बैठी पत्नी