कोंच(जालौन)। ग्राम बसोव से अपहृत किए गए सुनील अहिरवार की हत्या उसके दोस्तों द्वारा की गयी थी। हत्याकांड का खुलासा कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक बलिराज शाही ने करते हुए बताया कि चार दिन पहले अगवा हुए सुनील अहिरवार के पिता कुंवरलाल ने कोतवाली में सुनील के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था।
एसपी रवि कुमार के निर्देशन, एएसपी असीम चैधरी के मार्गदर्शन और सीओ शाहिदा नसरीन के नेतृत्व में सुनील को खोजने के लिए पुलिस टीम गठित की गई थी जिसमें उनके अलावा मंडी चैकी इंचार्ज सर्वेश कुमार, एसआई बीएल आजाद व सिपाही ब्रजेंद्र कुमार, अमित कुमार आदि शामिल थे। पुलिस टीम नामजद आरोपियों की खोज में जुटी थी तभी मुखबिर से मिली सटीक सूचना पर तीनों अभियुक्तों रवींद्र कुमार व बबलू उर्फ नवल बिहारी (दोनों सगे भाई) व पंकज को एट थाना क्षेत्र के पिंडारी हाईवे के पास से उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब वे कहीं भागने की फिराक में थे। अभियुक्तों ने बताया कि उन्होंने सुनील की हत्या कर शव जिला झांसी के पूंछ क्षेत्र के खकल नहर में ठिकाने लगा दिया है। अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस टीम ने सुनील का शव 24 मार्च को बरामद कर लिया था। इसी के साथ हत्या में प्रयुक्त गमछा व घटना में प्रयुक्त वैगनार कार एचआर 51 डब्लू 6328 भी पुलिस ने बरामद कर लिए हैं। पुलिस के मुताबिक रविवार तड़के तीनों अभियुक्त सुनील अहिरवार को गांव से वैगनआर गाड़ी में लेकर निकले थे। सुनील आगे वाली सीट पर बैठा था। सभी ने शराब पी हुई थी। पीछे की सीट पर जो दो लोग बैठे थे उन्होंने पीछे से सुनील के गले में गमछा फंसा कर गला घोंट दिया जबकि कार ड्राइव कर रहे व्यक्ति ने जोर से सुनील का प्राइवेट पार्ट दबा दिया जिससे उसकी मौत हो गई। उन लोगों ने लाश को झांसी जिले की सीमा में खकल नहर में ठिकाने लगा दिया और वापिस लौट आए। पुलिस ने पहले से दर्ज अपहरण के मुकदमे में हत्या और साक्ष्य छिपाने की धाराएं और बढा दी हैं। आरोपी रवींद्र का आपराधिक इतिहास भी है, उसके खिलाफ साल 2012 और 2022 में हत्या और दहेज हत्या के मामले पहले से ही दर्ज हैं।
फोटो परिचय—
पुलिस हिरासत में युवक की हत्या के आरोपी।