कोंच(जालौन)। कोंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल से जुड़े सदस्यों एवं सिनेमा प्रेमियों की वर्चुअल आम अवाम बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में तृतीय कोंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल को बेहतर बनाने के लिए लोगों के अनुभव और सुझाव लिए गए।
बैठक में अधिकांश वक्ताओं का इस बात पर जोर रहा कि कोंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल सिर्फ सिनेमा को साथ लेकर चल रहा जो कोंच फिल्म फेस्टिवल को अद्भुत बना रहा है। वक्ताओं ने कहा कि फेस्टिवल के बीते दो वर्षों को याद रखते हुए यह बात हमेशा याद रखने एवं अनुकरण करने वाली है कि फेस्टिवल को ट्रेंड सिलेटर बनाना है ट्रेंड फॉलोवर नहीं। बैठक से जुड़े वरिष्ठ साहित्यकार कविता पंत ने नोयडा में बन रही फिल्म सिटी में कोंच फिल्म फेस्टिवल का प्रोडक्शन हाउस का निर्माण कर बुन्देली सिनेमा के लिए जगह आरक्षित करने का प्रयास प्रारम्भ करने का प्रस्ताव रखा। साहित्यकार भास्कर सिंह माणिक ने विभिन्न शहरों से जुड़े लोगों को कोंच के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक महत्व के बारे में बताते हुए कोंच की पृष्ठभूमि से अवगत कराया। समाजसेवी अंकित स्वर्णकार ने विभिन्न शहरों के प्रबुद्धजनों से कोंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में साथ, सहयोग एवं समय देने का आह्वान किया तो वहीं उभरते हुये अभिनेता सागर गुप्ता ने जनपद में मौजूद पर्यटन एवं सिनेमा की सम्भवनाओं से उत्पन्न रोजगार पर बात करते हुए कोंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।युवा महेंद्र चंदेरिया व अंकित चंदेरिया ने संयुक्त रूप से कोंच फिल्म फेस्टिवल की ओर से आम लोगों को फेस्टिवल में आने का निमंत्रण दिया। इसीक्रम में समाजसेवी वंदना गुप्ता लखनऊ, प्रयागराज के वरिष्ठ साहित्यकार हंसराज सिंह ने यह घोषणा की कि वह बिना किसी वित्तीय सहायता के अपने निजी खर्चे पर फेस्टिवल में सहभागिता कर फेस्टिवल को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। प्रगति विचारधारा फाउंडेशन की अध्यक्ष नेहा खरे ने कोंच के लिए फेस्टिवल को गौरवपूर्ण बताया।झांसी से चाहत विश्वकर्मा ने कहा कि फेस्टिवल हम जैसे युवाओं के लिए एक बेहतर मंच साबित हो रहा है। युवा अध्यापिका पायल सेन ने फेस्टिवल में कार्यशालाओं के आयोजन का प्रस्ताव रखा ताकी प्रतिभागी कुछ नया सीख सके। बसई से निहारिका लखेरा ने रंगोली, मंच सज्जा, जैसी प्रतियोगिता भी फेस्टिवल में आयोजित करने का प्रस्ताव रखा। वर्चुअल बैठक में दीपिका अग्रवाल,नामिता सिंह, प्रांजुल कुमार, पुनीत नामदेव मुंबई, सरला विजय सिंह असम, सुधांशु पांडेय, टीके पांडेय, हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अम्बे बिहार, लता परासर आदि शामिल रहे।