माधौगढ़ (जालौन)। भ्रष्टाचार मुक्त उत्तर प्रदेश को बनाने के लिए जनता ने एक बार फिर से योगी सरकार पर भरोसा जताया है लेकिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त उत्तर प्रदेश पर बट्टा लगाया जा रहा है। खासकर ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की नई इबारत लिखी जा रही है। काम की न वित्तीय स्वीकृति मिली न स्टीमेट बना फिर भी ग्राम प्रधान ने इंटरलॉक डलवा दिया। भ्रष्टाचार के इस मामले पर आरटीआई डालकर वित्तीय स्वीकृति की जानकारी भी मांगी गई है।
मामला माधौगढ़ विकासखंड के ग्राम असहना का है, जहां ग्राम प्रधान सोना देवी ने मनरेगा के तहत इंटरलॉकिंग का निर्माण कार्य करा दिया। आचार संहिता लागू होने की वजह से कोई नए काम की स्वीकृति नहीं मिलनी थी। उसके बाद भी भ्रष्टाचार की इंतहा करते हुए आईडी क्रमांक 3138009/आरसी/958486 2558 23218952, 8954 और 8955 का काम बिना स्वीकृति और स्टीमेट के करवा दिया गया। जिसकी लिखित शिकायत खंड विकास अधिकारी दीपक कुमार आचार संहिता खुलने के पहले को 8 मार्च को ही कर दी गई। मौखिक तौर पर ग्राम सचिव और तकनीकी सहायक को भी बताया गया। उसके बाद भी ग्राम प्रधान ने काम को जारी रखा। प्रधान द्वारा अब एडवांस में कराये गए काम का भुगतान कराने का प्रयास किया जा रहा है।
फोटो परिचय—
बगैर वित्तीय स्वीकृत के डाली गयी इंटरलाकिंग सड़क।