माधौगढ़ (जालौन)। माधौगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा की एकतरफा बढ़त ना होने से चिंतित भारतीय जनता पार्टी के नीति नियंत्रक चिंतित हैं। इसलिए क्षत्रिय बाहुल्य क्षेत्र माधौगढ़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा लगाने की सिफारिश की है। 2017 के चुनाव में भाजपा की प्रचंड लहर के मुकाबले इस बार भाजपा बैकफुट पर है। पूरे प्रदेश में पार्टी इनकंबेंसी फैक्टर सपा के पक्ष में लामबंद होता दिख रहा है। इसके अलावा माधौगढ़ सीट पर समाजवादी पार्टी से क्षत्रिय प्रत्याशी अपने सजातीय वोटरों का ध्रुवीकरण अपने पक्ष में मजबूती से करने में जुटे हैं। जिसके कारण भाजपा अपने मूल वोट बैंक के खिसकने से पशोपेश में है। ऐसे में भाजपा के पास अब क्षत्रिय वोटर को रोकने के लिए योगी का सहारा है। जिनकी 17 फरवरी को माधौगढ़ में जनसभा रखी गई है। भारतीय जनता पार्टी के पास में सवर्ण वोटरों के अलावा पिछली बार बैकवर्ड वोटरों की संख्या ज्यादा थी। लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी और बसपा ने अपने गेम चेंज करते हुए भाजपा को घेरने की रणनीति पर काम किया है। चुनाव घोषित होने के 4 महीने पहले से बसपा ने कुशवाहा बिरादरी के प्रत्याशी को मैदान में उतारा तो समाजवादी पार्टी ने क्षत्रिय वोटरों की काफी संख्या को देखते हुए क्षत्रीय प्रत्याशी को मैदान में उतारा। दोनों ही प्रत्याशी ने भाजपा को घेर कर चुनाव को त्रिकोणीय संघर्ष में लाकर खड़ा कर दिया है। नेतृत्व के अभाव में ब्राह्मण भाजपा से कुछ हद तक छिटका हुआ है तो क्षत्रिय वोटर का काफी नुकसान सपा प्रत्याशी की वजह से हो रहा है,साथ ही कुशवाहा बिरादरी के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग की बिरादरी में बसपा प्रत्याशी ने सेंधमारी कर रखी है। ऐसे में भाजपा का नुकसान होना लाजमी है। अब भाजपा क्षत्रिय वोटर को रोकने के लिए योगी के सहारे खड़ी हुई है। क्योंकि भाजपा को लगता है कि क्षत्रिय योगी को अपना शिरोधार्य मानता है और योगी के नाम पर क्षत्रिय वोटरों को भाजपा के पक्ष में लामबंद किया जा सकता है। माधौगढ़ क्षेत्र में क्षत्रिय वोटर 45 हजार से ज्यादा है, जिनका भाजपा से दूर जाना परिणाम को प्रभावित कर सकता है।
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