0 रानी लक्ष्मीबाई ने भी इसी हवेली में ली थी शरण
0 समाजसेवी ने एसडीएम से की मामले की शिकायत
कालपी (जालौन)। नगर में कई वर्षों पुरानी ऐतिहासिक काली हवेली को ध्वस्त किया जा रहा है। हवेली का निर्माण मुगलकाल में हुआ था, परन्तु हवेली के कथित कब्जेधारक उसे अपनी निजी भूमि बताकर उसे ध्वस्त करवा रहे हैं। यदि समय रहते जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर ध्यान न दिया तो आने वाले समय में काली हवेली इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जायेगी और उसका अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा।
समाजसेवी ने एसडीएम से की मामले की शिकायत
कालपी नगर के मोहल्ला इंद्रानगर निवासी समाजसेवी नरेंद्र गौतम ने एसडीएम कालपी केके सिंह को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि नगर के मोहल्ला दमदमा में स्थित काली हवेली का इतिहास 250 वर्षों पुराना है, जो झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की सेनाओं का विश्राम गृह हुआ करता था। काली हवेली के अंदर कीमती पत्थर, मोटी दीवारें व दो सुरंगें बनी हुई हैं जो कि किलाघाट व चैरासी गुम्बद तक जाती हैं। उन्होंने बताया यह काली हवेली राजस्व व पुरातत्व विभाग में आती हैं। यह सरकारी संपत्ति है। अतः इसको भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जा एवं ध्वस्तीकरण करने से रोका जाए व उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। उप जिलाधिकारी कालपी केके सिंह ने कहा कि जांच कर आवश्यक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।
फोटो परिचय—
समाजसेवी नरेंद्र गौतम।