जालौन

सहारा इंडिया-सेबी विवाद से जमाकर्ताआंे की रकम अधर में लटकी

0 जमाकर्ता आये दिन अभिकर्ताओं को करते परेशान

अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन (उरई)। सहारा इंडिया और सेबी विवाद के चलते जमाकर्ताओं को उनकी रकम वापस नहीं मिल रही है। जमाकर्ता, अभिकर्ताओं को परेशान कर रहे हैं। पीड़ित जमाकर्ता और अभिकर्ताओं ने उक्त विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने और जमाकर्ताओं की रकम वापस दिलाने की मांग की है।
सहारा इंडिया परिवार में रकम जमा करने वाले जमाकर्ता और कंपनी के अभिकर्ताओं में वैदेही शरण गुप्ता, मनोज लाक्षाकार, संतोष गुप्ता, राजकुमार गुप्ता, जेतपाल सिंह, राजेंद्र सिंह सेंगर, अशोक प्रजापति, अमर सिंह चैधरी, अमित राठौर, कौशल किशोर गुप्ता, स्वाल मोहम्मद, विशाल राठौर, सुशील कुमार माहेश्वरी, बृजेश लाक्षाकार आदि ने बताया कि वह वर्षों से सहारा इंडिया परिवार से जुड़े हैं। लेकिन जबसे सेबी और सहारा इंडिया का विवाद उत्पन्न हुआ है। तबसे जमाकर्ताओं और अभिकर्ताओं की स्थिति खराब हो गई है। उनकी रकम मैच्योर होने के बाद भी उन्हें रकम वापस नहीं मिल रही है। रकम वापस न मिलने से जमाकर्ता अभिकर्ताओं पर रकम वापस लौटाने का दबाव बना रहे हैं। अभिकर्ताओं का कहना है कि सेबी के प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा इंडिया ग्रुप पर प्रतिबंध लगा रखा है कि वह अपनी संपत्ति नहीं बेच सकता है। यदि कोई संपत्ति बेची जाती है तो उसको सेबी में जमा कराना होगी। न तो उससे कर्मचारियों की तनख्वाह बांटी जा सकेगी और न ही जमाकर्ताओं को उनकी रकम वापस लौटाई जाएगी। सहारा इंडिया को सेबी के अकाउंट में 24 हजार 760 करोड रुपये जमा कराने हैं जिसमें सहारा इंडिया ने 23 हजार 191 करोड़ रुपये जमा भी करा दिए हैं। जबकि सेबी द्वारा मात्र 129 करोड़ रुपये ही जमाकर्ताओं को लौटाए गए हैं। अभिकर्ताओं और जमाकर्ताओं ने मांग की है कि उक्त विवाद को जल्द से जल्द सुलझाया जाए ताकि जमाकर्ताओं को उनकी रकम वापस लौटाई जा सके। अन्यथा की स्थिति में देश भर के लगभग 6 करोड़ जमा कर्ताओं के साथ ही 12 लाख से अधिक कार्यकर्ताओं का भविष्य अंधकार में है। कारोना काल के बाद वैसे भी लोगों को रुपयों की आवश्यकता है। यदि जमाकर्ताओं को उनकी रकम वापस मिल जाती है तो वह अपना जीवन यापन कर सकेंगे।

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