0 किसान परिवारों में पर्व का दिखा खास महत्व
कोंच(जालौन)। अक्षय तृतीया पर्व बुंदेलखंड की आंचलिक संस्कृति में गहरे से रचा बसा है। बुंदेली संस्कृति में अक्षय तृतीया को ‘अक्ती‘ के रूप में मनाए जाने की स्थापित परंपरा है। बुंदेली बालाएं इस दिन गुड्डा गुड़िया का विवाह कराती हैं। इसके साथ ही किसान परिवारों में इस पर्व का खास महत्व है।पर्व के दिन खेतों में पहला ‘हरायता‘ लिया जाता है, अर्थात हल से जुताई करके खेती किसानी की शुरुआत आज से हो जाती है। शादी विवाह के लिए भी यह बहुत ही शुभ मुहूर्त माना जाता है। विद्वानों का मत है कि आज के मुहूर्त का शोधन करने की आवश्यकता नहीं होती है।वहीं कोंच नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कई घरों में अक्षय तृतीया पर्व के मौके पर गुड्डा गुड़िया की शादी कर परंपरागत तरीके से पर्व मनाया गया।