आटा (जालौन)। जहां एक तरफ जहां क्षेत्र में कहीं-कहीं गौशालाओं का हाल बुरा है और गौवंश सड़कों पर अपनी सर्दी काट रहे है। वही दूसरी तरफ आटा गौशाला में किया जाने वाला कार्य सराहनीय है। प्रधान प्रतिनिधि खेमराज ने गौशाला में गौवंशांे को सर्दी से राहत के लिए अलाव जलावाकर एवं भोजन के लिए मटर की फसल की व्यवस्था की गई। वही गायों के लिए पानी की भी पर्याप्त मात्रा की गई है। वही आटा क्षेत्र के आस-पास के कई ग्रामों में गौशालाओं की हालत बहुत नाजुक है। वहीं गायों के कारण किसान की फसल भी खतरे में है। लेकिन मौजूदा समय में आटा गौशाला में गायों के लिए किय गये इंतजाम सराहनीय है। वही आटा क्षेत्र के आसपास के खेतों की फसल भी अभी सुरक्षित है। ग्रामीणों का कहना था कि यदि गांव का पंचायत प्रतिनिधि चाह ले तो ऐसा कोई काम नहीं जिसे पूरा न किया जा सके। बशर्ते इसके लिये इच्छाशक्ति भी दिखानी पड़ती है। वैसे भी ग्रामीणांचल में जिम्मेदार अधिकारी तो महज निर्देष दे सकते हैं। लेकिन कोई भी कार्य तो गांव के ही पंचायत प्रतिनिधि की देखरेख में होते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी जनप्रतिनिधि गौशाला संचालन में यह मानकर चलें कि वह स्वयं ही गोसेवक समझकर कार्य करंे तो निश्चित रूप से अन्य गांवों में संचालित गौशालों की स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है। इस ओर गांवों के ग्राम प्रधानों को चिंतन करना ही होगा तभी उनके गांव का समुचित विकास हो सकेगा।
250 से अधिक गौवंश गौशाला में मौजूद
आटा। प्रधान प्रतिनिधि खेमराज ने बताया कि गौशाला में गायों की क्षमता 150 गायों की है लेकिन मौजूदा समय में गौशाला में लगभग 275 गायें मौजूद हैं और उनकी भोजन की एवं पानी की व्यवस्था की गई है और आगे भी की जायेगी। वही प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि गायों को सर्दी से बचाव हेतु। अलाव की व्यवस्था निरंतर की जा रही है। गौशाला में प्रधान प्रतिनिधि खेमराज के अतिरिक्त पंचायत मित्त राकेश कुमार एवं कई ग्रामीण मौजूद रहे।
फोटो परिचय—-
अलाव जलाकर गायांे कोे तपाते गौषाला कर्मी।