जालौन

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0ताईबाई की नगरी में जनगीत और नाटकों की प्रस्तुति के साथ सांस्कृतिक संध्या का आयोजन

जालौन (उरई)। खल्क खुदा का, मुल्क बादशाह का, हुक्म पेशवा का। यह नारा 1857 की क्रांति में जालौन की वीरांगना रानी ताईबाई ने दिया था। यह नारा इस क्रांति की नाजीर बना और सभी क्रान्तिकारियों ने बादशाह बहादुर शाह जफर को अपना सम्राट घोषित किया।रानी ताईबाई ने अंग्रेजों की हड़प नीति से लोहा लेते हुए सात साल तक अपने राज्य को स्वतंत्र बनाये रखा। 1857 की क्रांति में रानी लक्ष्मीबाई का साथ दिया।

कालपी में अंग्रेजों के साथ युद्ध के दौरान रानी लक्ष्मीबाई की सहायता के लिए रानी ताईबाई ने अपना बड़ा सैन्यदल भेजा, जिसमें तात्या टोपे, बांदा के नवाब सभी अलग-अलग सैन्य टुकड़ियों का नेतृत्व कर रहे थे।नगर के वरिष्ठ नागरिक महेंद्र सिंह कहते हैं कि इस युद्ध में भीषण मार-काट हुई और अंग्रेजों से हार का सामना करना पड़ा। कालपी रानी ताईबाई का क्षेत्र था और इसके पहले कालपी अंग्रेजों से मुक्त था। लगातार तबाही और मारकाट को देखकर रानी ताईबाई ने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया और अंग्रेजों ने उन्हें मुंगेर जेल भेज दिया। वहीं जेल में ताईबाई की मृत्यु हुई।बाद में अंग्रेजों ने ताईबाई के विशाल किले को ध्वस्त कर इसकी ईंटों से लंबी सड़क का निर्माण किया। कुछ हिस्सा अभी भी है जो बताता है कि महल बड़ा था और इसके एक सुंदर भाग को जिसमें आंगन भी है का इस्तेमाल अंग्रेजों ने जिला मुख्यालय के रूप में किया था। आज भी उसका उपयोग हो रहा है। शनिवार की शाम जत्थे के पहुंचते ही मेन रोड से वीरांगना ताईबाई के किले तक और वहां से उनके नाम की मिट्टी लेकर सांस्कृतिकत आयोजन स्थल तक सांस्कृतिक मार्च निकाला गया। मार्च में शहर के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।सांस्कृतिक संध्या के दौरान उरई इप्टा के साथियों ने जनगीतों की प्रस्तुति दी। लखनऊ लिटिल इप्टा की टीम के साथियों ने जनगीतों की प्रस्तुति के साथ ही मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित नाटक ‘मंत्र‘ प्रस्तुत किया।कहानी का नाट्य रूपांतरण इप्टा के साथी कवि, रचनाकार ओम प्रकाश नदीम ने व निर्देशन सुमन श्रीवास्तव ने किया।आगरा इप्टा के साथियों ने आगरा इप्टा के महासचिव दिलीप रघुवंशी के नेतृत्व में भगत सिंह की शहादत, स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान के साथ ही वर्तमान राजनीति पर तंज कसते हुए कविता कोलार्ज के रूप में नाटक ‘सुनो-सुनो-सुनो‘ प्रस्तुत किया।कार्यक्रम में इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश वेदा, उरई इप्टा के अध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला, राष्ट्रीय इप्टा कार्यकारिणी सदस्य डॉ स्वाती राज के हाथों शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं, रचनाकारों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन इप्टा के साथी डॉ अंकुर शुक्ला ने किया। आभार जालौन इप्टा के संस्थापक सदस्य राज पप्पन ने व्यक्त किया।इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष गिरीश गुप्ता, थोपन यादव, गौरीश द्विवेदी, कमलाकांत वर्मा, जहीर उल्ला, नदीम, रामसिंह आदि लोग मौजूद रहे।

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