पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर अटेवा का रोष मार्च
निजीकरण का किया विरोध, जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

सत्येन्द्र सिंह राजावत
उरई,जालौन। अटेवा/एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के आव्हान पर शुक्रवार को जिले के पेंशनविहीन शिक्षकों व कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण के विरोध में रोष मार्च निकाला। बीएसए कार्यालय उरई में दोपहर बाद सैकड़ों शिक्षक-कर्मचारी एकत्र हुए और पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। जिलाध्यक्ष अजय कुमार निरंजन ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
उन्होंने कहा कि 2004-05 से लागू एनपीएस में न तो गारंटीड पेंशन है और न ही सुरक्षित भविष्य। हाल ही में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केवल 1000 से 2000 रुपये मासिक पेंशन मिल रही है। यूपीएस योजना भी इससे अधिक घातक है, जिसे किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
संरक्षक राकेश सरोज ने कहा कि एक दिन के लिए विधायक/सांसद बनने पर आजीवन पेंशन मिल जाती है, जबकि शिक्षक-कर्मचारी 60 वर्ष सेवा के बाद भी इससे वंचित हैं। महामंत्री हरवेंद्र यादव ने कहा सरकार हमारी मांगो पर यदि सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करती है। तो हम लोग संवैधानिक अधिकार रैली दिल्ली में करने जा रहे है। कि 25 नवम्बर को दिल्ली में संवैधानिक अधिकार रैली की जाएगी। जिला सहसंयोजक अरविंद कुमार निरंजन ने निजीकरण को देशहित के लिए अभिशाप बताते हुए संस्थाओं का राष्ट्रीयकरण करने की मांग उठाई। मार्च को यूटा, यूपीपीएसएस (ठाकुरदास गुट), राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, महिला शिक्षक संघ, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, एससी/एसटी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन, आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर कर्मचारी संघ,लेखपाल संघ, रेलवे यूनियन, सिंचाई एवं नलकूप विभाग,पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ, पीडब्ल्यूडी कर्मचारी संघ समेत कई संगठनों का समर्थन मिला।