कोंच(जालौन)। नदीगांव विकास खंड की बीहड़ पट्टी के गांवों से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। ग्रामीणों द्वारा खदेड़ी गई तकरीबन 2 दर्जन गायें व गौवंश पहूज नदी में जा गिरे, जबकि तमाम बारिश के कारण बीहड़ की खाइयों में बने दलदल में जा फंसे। ग्रामीणों की अगर मानें तो ये मवेशी किसी गौशाला के थे। ग्रामीणों के मुताबिक इस आपाधापी में नदी में समाए कई मवेशियों ने दम भी तोड़ा है।
योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शुमार गाय और गौवंश की हिफाजत और देखभाल के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है और गांव गांव गौशालाएं स्थापित कराई गई हैं, लेकिन इतना सब होने पर भी गायों और गौवंशों की दुर्दशा रुकने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला मामला नदीगांव विकास खंड की पहूज बीहड़ पट्टी के गांवों में सामने आया है। जानकारी के मुताबिक पहूज से लगते गांवों जैतपुरा, बेड़ा, ऐवरा, सींगपुरा इलाके में तकरीबन तीन दर्जन से भी ज्यादा आवारा घूम रहे मवेशियों जो इलाके के खेतों में खड़ी फसलों का नुकसान कर रहे थे, को ग्रामीणों ने खदेड़ लिया। बदहवास होकर ये मवेशी पहूज नदी की तरफ भागे जिसमें लगभग दो दर्जन मवेशी नदी में जा गिरे जबकि तमाम मवेशी उस दलदल में जा फंसे जो बीहड़ की खाइयों में बारिश के कारण बन गए हैं। इलाकाई ग्रामीणों ने बताया कि उक्त मवेशी किसी गौशाला से छूटे हो सकते हैं, इनमें कई नदी में डूबकर अपनी जान भी गंवा बैठे हैं। इस संबंध में बीडीओ नदीगांव गौरवकुमार का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया था जिस पर उन्होंने एडीओ पंचायत को मामला देखने के लिए कह दिया था। जहां तक उनकी जानकारी में आया है, बेड़ा गांव की गौशाला की जाली टूट जाने के कारण कुछ मवेशी निकल गए थे जिन्हें प्रधान से कह कर एडीओ नरेश दुवे ने वापिस गौशाला भिजवा दिया है।