0 सप्ताह भर के प्रचार के बाद भी नहीं जुटा सके किसान को
0 टिकट कटने की भनक लगते ही दो जनप्रतिनिधि हुये मायूस
सत्येन्द्र सिंह राजावत
उरई (जालौन)। भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा द्वारा 5 जनवरी को स्थानीय इंटर कालेज में आयोजित किसान सम्मेलन का कई दिनों से पूरी दमखम से प्रचार किया जा रहा था। लेकिन बुधवार को आयोजित सम्मेलन में भाजपा प्रदेषाध्यक्ष के न आने की वजह से जहां सम्मेलन आयोजकों के चेहरों पर उदासी देखी गयी तो वहीं कई ऐसे भी जनप्रतिनिधि मंचासीन नजर जो अपने साथ किसानों को लेकर नहीं आये थे उन्होंने राहत महसूस की। हैरानी की बात तो यह है कि जनपद के दो जनप्रतिनिधियों को इस बात की भनक लग चुकी है कि विधानसभा चुनाव में उनका पत्ता साफ होने वाला है तो वह मायूस होकर औपचारिकतायें निभाते देखे जा रहे हैं। तो वहीं भाजपा का किसान सम्मेलन फ्लाॅप षो बनने के बाद दूसरे राजनैतिक दलों के नेता इसे अपने हित में मानकर चल रहे हैं।
उल्लेखनीय हो कि पिछले सप्ताह भर से भाजपा किसान मोर्चा द्वारा स्थानीय इंटर कालेज में किसान सम्मेलन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का प्रचार प्रसार विभिन्न प्रचार माध्यमों से कराया जा रहा था। प्रदेषाध्यक्ष का स्वागत करने के लिये वर्तमान जनप्रतिनिधियों से लेकर टिकट के दावेदरों ने नगर की सड़कों के दोनों ओर होर्डिगों से पाट दिया गया था। लेकिन जब अंतिम समय में भाजपा प्रदेषाध्यक्ष का कार्यक्रम निरस्त होने की जानकारी कार्यक्रम आयोजकों को पता चली तो उनके चेहरों पर मायूसी साफ तौर पर देखी गयी। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि उन्हांेने इस बात की भनक ग्रामीणांचल से बुलाये गये किसानों को कानों कान नहीं लगने दी और एक के बाद एक जनप्रतिनिधियों को अपनी बात रखने के लिये आमंत्रित करते रहे। कुल मिलाकर भाजपा किसान मोर्चा सम्मेलन के नाम पर जो किसान प्रदेषाध्यक्ष की बातों को सुनने आये थे वह खुद को ठगा सा महसूस करते देखे गये।