0 आरएसएस ने हमेशा राष्ट्रवादी सोच की वकालत की
0 दोनों समुदायों में नफरत हो खत्म और मुहब्बत बढ़े
अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन (उरई)। कुछ लोग नफरत फैलाए जाने के लिए मुस्लिमों के मन में संघ के प्रति नफरत के बीज बोए हैं। जबकि समाज को बांटने का कार्य आरएसएस ने नहीं बल्कि इन्हीं लोगों ने किया है। संघ का इरादा है कि लोगों के बीच जो नफरत है वह खत्म हो। दोनों समुदायों के बीच मोहब्बत बढ़े और लोगों के मन में राष्ट्रवाद की भावना पनपे। यह बात आरएसएस के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संगठन अखिल भारतीय सूफी मलंग संगठन के अध्यक्ष कल्लू अंसारी ने कही।
आरएसएस के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संगठन के अखिल भारतीय सूफी मलंग संगठन के अध्यक्ष कल्लू अंसारी के नगर आगमन पर पत्रकार वार्ता का आयोजन नगर में स्थित गेस्ट हाउस में हुआ। जिसमें कल्लू अंसारी ने हिंदू मुस्लिम समाज की एकता पर बल देते हुए कहा कि कुछ लोग हैं जो हिंदू और मुस्लिमों के बीच खाई को बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने आरएसएस के प्रति जनता के दिलों में नफरत का बीज बोया है। जबकि आरएसएस ने जनता के बीच कोई ऐसा कार्य नहीं किया जो मुस्लिम विरोधी हो। 1952 से पहले भारत की भाषा उर्दू थी। साजिश के तहत जिन्होंने उर्दू भाषा को हटाया सब जानते हैं। हिंदी और अंग्रेजी को बढ़ावा दिया गया। आज नौकरी पाने के लिए हिंदी अथवा अंग्रेजी अनिवार्य है। मुस्लिमों को आसानी से दरकिनार कर दिया गया। उन्होंने मुस्लिमो का इल्म छीना, समाज के लोगो में अंधकार फैलाया। जहां मुस्लिम कौम ने तरक्की की है तो दंगे आदि भड़काने का कार्य कौन सी सरकारों में हुआ सब जानते हैं। कहा कि आरएसएस का हमेशा से ही सिद्धांत रहा है कि वह मानवता के प्रति और राष्ट्र के प्रति कार्य करता है। ब्लड डोनेशन का कार्य सबसे अधिक आरएसएस ही करता है। त्योहार मनाए जाएं लेकिन मोहर्रम के जुलूस में खून सड़कों पर बहाया जाता है। लेकिन इसके साथ ही ब्लड डोनेशन में भी मुस्लिमों को आगे आना चाहिए ताकि किसी की जान बचाई जा सके। राम मंदिर के लिए तमाम कहा जाता है लेकिन राम मंदिर का ताला खुलवाने वाले और उसमें मूर्तियां रखवाने वाले आरएसएस के लोग तो नहीं थे। बीजेपी सरकार में यदि राम मंदिर बन रहा है तो सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का ही पालन कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी पूजा पद्धति जरूर अलग है लेकिन जो हिंदुस्तानी खून हिंदू भाइयों की रगों में दौड़ रहा है वही मुस्लिम भाइयों का भी है। क्योंकि भारतीय मुस्लिमों के पूर्वज भी सनातनी रहे हैं। पूरे विश्व में सबसे अधिक सहूलियत यदि मुस्लिमों को मिल रही है तो वह हिंदुस्तान ही है। इस दौरान अलोक षिवहरे, मलंग बाबा, महेंद्र षिवहरे सहित अनेकों साथी उपस्थित रहे।
दो वर्शीय बालक अब्दुल हन्नान ने श्लोक, गायत्री मंत्र सुनाये
जालौन। पत्रकार वार्ता में अखिल भारतीय सूफी मलंग संगठन के अध्यक्ष कल्लू अंसारी के आठ वर्षीय पुत्र अब्दुल हन्नान ने संस्कृत श्लोकों को सुनाया। साथ ही गायत्री मंत्र का पाठ भी किया। उसने हिंदू मुस्लिम के बीच नफरतों को रोकने के लिए काव्य पाठ भी किया। जिसकी मौजूद लोगों ने काफी सराहना की। हन्नाम आगरा में कक्षा 2 का छात्र है।
फोटो परिचय—
पत्रकारों से वार्ता करते कल्लू अंसारी व श्लोक सुनाता हन्नाम।