उरई

किसानों की आय बढ़ाने की रणनीति पर जोर — ड्रैगन फूट, खजूर व स्ट्राबेरी आदि की खेती को बढ़ावा देने के दिए निर्देश

सत्येन्द्र सिंह राजावत

उरई(जालौन)।कलेक्ट्रेट सभागार में आज जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में जिला औद्यानिक मिशन समिति, जनपद स्तरीय क्रियान्वयन समिति एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना समिति की संयुक्त बैठक संपन्न हुई। बैठक में विभिन्न औद्यानिक विकास योजनाओं की कार्ययोजना एवं वित्तीय लक्ष्यों का अनुमोदन किया गया। बैठक में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा जनपद में संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की गई। बताया गया कि विभागीय योजनाओं के अंतर्गत स्ट्राबेरी (01 हे०), ड्रैगन फूट (01 हे०), खजूर (01 हे०), करौंदा (02 हे०), बेर (10 हे०), प्याज (50 हे०), लहसुन (04 हे०), जैविक खेती (03 हे०), हल्दी (03 हे०) तथा अदरख (02 हे०) जैसी फसलों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा शाकभाजी हेतु मचान, तारबंदी, जैविक विधियाँ, लाइट ट्रैप, पावर नेप स्प्रेयर व अन्य उपकरणों के माध्यम से किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है।
जिलाधिकारी ने कहा कि “खजूर, ड्रैगन फूट, स्ट्राबेरी जैसी अपरंपरागत बागवानी फसलें बुंदेलखंड के लिए आर्थिक बदलाव का माध्यम बन सकती हैं।” उन्होंने निर्देश दिए कि अधिक से अधिक किसानों को औद्यानिक योजनाओं से जोड़कर उनकी आमदनी में वास्तविक वृद्धि सुनिश्चित की जाए। साथ ही प्रधानमंत्री धन्यधान योजना के तहत पोस्ट हार्वेस्ट प्रोसेसिंग एवं वैल्यू एडिशन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए।
उद्यान अधिकारी ने बताया कि बुंदेलखंड एवं विंध्य क्षेत्रीय औद्यानिक विकास योजना के अंतर्गत 50 हे० क्षेत्रफल में कार्यलक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसमें कृषकों को 3000 रुपये प्रतिमाह की दर से तीन वर्ष तक अनुदान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई पर ड्रॉप मोर क्रॉप योजना में 3970 हे० क्षेत्रफल के सापेक्ष 13.86 करोड़ रुपये की कार्ययोजना अनुमोदित की गई। वहीं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के तहत 861 यूनिट स्थापना का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसमें 35 प्रतिशत या अधिकतम ₹10 लाख की राज्य सहायता स्वीकृत है।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि योजनाओं के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाए, विशेषकर अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कृषकों को प्राथमिकता देकर अधिकतम लाभ पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार से ही किसान नए अवसरों से जुड़ सकेंगे।
इस अवसर पर निशान्त पाण्डेय (जिला विकास अधिकारी), अखिलेश तिवारी (परियोजना निदेशक), आनंद सिंह (वरिष्ठ कोषाधिकारी), गौरव यादव (जिला कृषि अधिकारी), राम अयोध्या प्रसाद (जिला पंचायत राज अधिकारी), राकेश त्रिवेदी एवं मो. मुस्तफा (समन्वयक, कृषि विज्ञान केंद्र) सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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