
बबलू सेंगर महिया खास
जालौन। नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिबंधित पेड़ों की अवैध कटान और बिक्री का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरूवार की शाम वन विभाग की टीम ने ग्राम सदूपुरा में प्रतिबंधित नीम की लकड़ी की कटान को छापामार कार्रवाई के दौरान पकड़ा। टीम को मौके पर दो पेड़ कटे हुए मिले। जिनकी कटी हुई लकड़ी को टीम ने कब्जे में लिया।
सरकार द्वारा औषधीय और संरक्षित श्रेणी के वृक्षों की कटान पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। इसके बावजूद लकड़ी माफिया लगातार सक्रिय हैं। लकड़ी माफिया लकड़ी की कटान और बिक्री का काम करते रहते हैं। क्षेत्रीय ग्राम सदूपुरा में नीम की प्रतिबंधित लकड़ी की कटान की जा रही थी। जब इसकी जानकारी रेंजर हरिकिशोर शुक्ला को हुई तो उन्होंने वन दरोगा माधुरी को मौके पर भेजा। टीम के पहुंचने पर लकड़ी माफिया वहां से भाग निकले। मौके से नीम के दो पेड़ ताजे कटे मिले, जिनकी लकड़ी को ट्रैक्टर-ट्रॉली के जरिए कहीं भेजने की तैयारी की जा रही थी। टीम ने पूरी लकड़ी को जब्त कर लिया है। रेंजर हरिकिशोर शुक्ला ने बताया कि नीम, पीपल, बरगद जैसे वृक्षों को औषधीय और पर्यावरणीय दृष्टि से संरक्षित श्रेणी में रखा गया है। इनकी कटान पर सरकार द्वारा पूर्ण प्रतिबंध है। बिना अनुमति के इनकी कटाई नहीं हो सकती है। बिना अनुमति के हो रही कटान की सूचना पर कार्रवाई की गई है। मौके से 15 क्विंटल लकड़ी बरामद की गई है। जो विभागीय अभिरक्षा में रखी गई है। हालांकि लोगों का कहना है कि लकड़ी एक ट्रॉली से अधिक थी, जो पकड़ी गई है।


