बबलू सेंगर महिया खास
जालौन। अश्विन पूर्णिमा पर एक ओर जहां वाल्मीकि मंदिर में धार्मिक आयोजन किए गए। वहीं, दूसरी ओर नगर के कई स्थानों पर टेेसू की बारात भी निकाली गई। मोहल्ले के लोगों ने इस बुंदेली कार्यक्रम का आंनद लिया।
शरद पूर्णिमा पर नगर में कई स्थानों पर टेसू झिंझिया के विवाह के आयोजनों की धूम रही। लोगों का मानना है कि टेसू झिंझिया के ब्याह के बाद से शादी, विवाह का दौर शुरू हो जाता है। उसमें कोई अड़चन नहीं आती है। नगर के मोहल्ला तोपखाना, जोशियाना, हरीपुरा, चुर्खीबाल, गंगाधाम के बगल में युवाओं की टोली ने टेसू की बारात निकाली। टेसू के पात्र को विशेष रूप से बड़ा काजल, हाथों में झाड़ू को लेकर सजाया गया। इसके बात मस्ती में नाचती गाती बारात सड़कों पर घुमाई गई। बारात के स्वागत में महिलाओं ने अचरी गीत गाए। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच आचार्य ने विवाह कार्यक्रम संपन्न कराए। देर रात तक कार्यक्रम चलता रहा। इसके बाद की सुअटा आकृति को बच्चे लूट ले गए। टेसू और झिंझयिा का विवाह संपन्न होने पर लोगों ने आतिशबाजी चलाई। कई किलो की पूड़ियों का भोजन व मिष्ठान टेसू की बारात लेकर आए बारातियों को खिलाया गया। मान्यता है कि यह कहानी सुआटा नामक राक्षस द्वारा बालिकाओं को परेशान किए जाने और टेसू नामक वीर द्वारा उसका बध कर बालिकाओं को उसके त्रास से मुक्त कराने की है। उधर, वाल्मीकि जयंती पर नगर के वाल्मीकि मंदिर पर विशेष पूजन अर्चन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


