उरई

यूटा का जोरदार प्रदर्शन, टीईटी काला कानून बापस करने की मांग

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरोध में शिक्षकों ने जिलाधिकारी कार्यालय में दिया ज्ञापन

सत्येन्द्र सिंह राजावत

उरई (जालौन)। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के जिला, ब्लॉक और नगर इकाईयों के पदाधिकारियों ने आज दोपहर जिलाधिकारी कार्यालय उरई में एकत्र होकर टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टेट) से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को मुक्त करने की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यूटा के जिलाध्यक्ष नृपेन्द्र देव सिंह के नेतृत्व में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र राजपूत, जिला संयोजक अशोक तिवारी और जिला महामंत्री डॉ. शत्रुघन सिंह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 1 सितम्बर 2025 के निर्णय के विरुद्ध ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि RTE एक्ट 2009 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को TET से छूट देने का प्रावधान NCTE अधिसूचना 23.08.2010 के पैरा-4 में स्पष्ट है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय (सिविल अपील नं0-1385/2025 पैरा 217) ने इस प्रावधान का उल्लंघन किया है। इस निर्णय से 15 से 25 वर्ष अनुभव रखने वाले 45 से 55 वर्ष आयु वर्ग के शिक्षक अनावश्यक प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए बाध्य होंगे, जो न्याय और शिक्षक समुदाय के सम्मान के खिलाफ है। यूटा नेताओं ने बताया कि इस फैसले से अकेले उत्तर प्रदेश में लगभग 2.5 लाख शिक्षक प्रभावित होंगे और इससे निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा के लक्ष्य पर भी असर पड़ेगा। संगठन कानूनी और राजनीतिक स्तर पर लड़ाई लड़ रहा है और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं से परामर्श कर रहा है।
यूटा ने सभी शिक्षकों से अपील की कि वे सतर्क रहें, क्योंकि सरकार की नीतियों में “फूट डालो, राज करो” जैसी चालें शिक्षक समुदाय के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं। मौके पर शिक्षक शोएब अंसारी, अरुण कुमार पांचाल, जितेंद्र बाबू दोहरे, सुशील राजपूत, उदयवीर निरंजन, अनिल निरंजन, कमल गुप्ता, अख्तर खान, जावेद खान, यशा राजपूत, श्वेता मौर्य, विकास गुप्ता, शैलेंद्र कुमार, आसमा परवीन, सुरेश कुमार वर्मा, भानु प्रताप सिंह, अखिलेश कुमार, यशपाल सिंह सहित अन्य शिक्षक मौजूद रहे।

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