0 अधिकारियों की आंखों के सामने भागी अवैध मौरम खनन में लगी मषीनें
सत्येन्द्र सिंह राजावत
उरई (जालौन)। सोमवार को जब जनपद के खनिज दफ्तर की टीम एक शिकायत पर उरई तहसील क्षेत्र के बंधौली मौरम खंड संख्या 1, गाटा संख्या 2559, 2563 जिसका पट्टा मे. सुरेशचंद्र गुप्ता 60 गणेश बाजारी झांसी के नाम 20.242 है. का 3 अक्टूबर 2023 तक है के स्थान पर पहुंची तो वहां पर अवैध मौरम खनन में लगी भारी भरकम मशीनों को लेकर अधिकारियों के सामने ही भागने लगे। इसके बाद टीम ने नदी में वाहनों की आवाजाही के लिए बने रास्ते को तुड़वा दिया गया। लेकिन बंधौली मौरम खंड 1 के पट्टाधारक के विरुद्ध कार्यवाही के नाम पर ऐसा कुछ नहीं किया जिससे उसके भी हौंसले पस्त हों।
गौरतलब हो कि मौरम के धंधे में पट्टाधारकों की मनमानी कोई नई बात नहीं हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान अधिकारियों की व्यस्तता का पूरा लाभ पट्टाधारकों के कथित गिरोह द्वारा भरपूर तरीके से उठाया गया। सीमांकन के सुदूर क्षेत्रों में भारी भरकम मशीनों से अवैध तरीके से करोड़ों रुपये की मौरम का उठान करवाकर शासन को अच्छा खासा चूना भी लगाने में सफल रहे। आलम यह है कि सदानीरा बेतवा नदी दिन प्रतिदिन अपने प्राचीन स्वरूप को खोती जा रही है। बंधौली मौरम खंड संख्या एक का पट्टाधारक व उसके कथित कर्ताधर्ता ग्रामीणों को भी सत्ता परिवर्तन की धौंस देते देखे जा रहे हैं। जब मीडिया टीम ने मौके पर पहुंचकर हकीकत जानने का प्रयास किया तो उन्हें भी कथित तरीके से धमकी दी गयी। हैरानी की बात तो यह है कि पट्टाधारक द्वारा आये दिन धमकियां देने के पीछे क्या मंशा हो सकती है इसका आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। कहने के लिये हर पट्टाधारक के नाम पट्टा आवंटित होने के बाद उसका सीमांकन कर झंडे व पत्थर लगाये जाते हैं लेकिन बंधौली मौरम खंड संख्या एक के मामले में सारे नियम कानून टूटते नजर आ रहे हैं।
पट्टाधारक ने सीमांकन क्षेत्र को बना दिया मजाक
उरई। बेतवा नदी में बंधौली मौरम खंड संख्या एक के पट्टाधारक द्वारा किये जा रहे अवैध मौरम खनन के बारे में अनेकों ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसका पट्टा मोहाना-बंधौली के बीच में है। लेकिन पट्टाधारक द्वारा हमीरपुर जनपद के क्षेत्र हरदुआ बड़ेरा में खाली मौरम खंड संख्या 7 व 8 से भी मौरम का खनन किया गया जिससे मौके पर निशान देखे जा सकते हैं। जब उसकी मनमानी नहीं चली तो पट्टाधारक के कथित कारिंदों द्वारा शिकायत का सहारा लिया जाने लगा। फिर नदी की जलधारा से भी अवैध तरीके से मौरम का खनन निरंतर पाॅकलैंड मशीनों द्वारा लगातार किया जा रहा है।
ग्रामीणों को सत्ता परिवर्तन की दी जा रही धौंस
उरई। इस समय प्रदेश में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया अभी चल रही है। लेकिन उरई तहसील क्षेत्र के बंधौली में मौरम खंड संख्या एक के पट्टाधारक व उसके कथित गुर्गों द्वारा अवैध मौरम खनन का विरोध करने वाले ग्रामीणों व किसानों को अभी से प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की धौंस दी जाने लगी है। हैरानी की बात तो यह है कि इससे पूर्व भी बंधौली में पट्टाधारक व ग्रामीणों के बीच में खूनी संघर्ष हो चुका है। यदि जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पर अभी से गंभीरता न दिखायी तो पूर्व के समय में घटित हो चुकी घटना की पुनरावृत्ति होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
हकीकत जानने पहुंची मीडिया टीम तो मिली धमकियां
उरई। जब बंधौली के मौरम खंड संख्या एक के पट्टाधारक द्वारा अवैध तरीके से कथित मौरम खनन के बारे में हकीकत जानने के लिये मीडिया टीम मौके पर पहुंची तो वहां पर पहले से ही सतर्क डेढ़ दर्जन लोगों ने मीडिया टीम को भी धमकियां देते हुये वहां से वापस चले जाने का फरमान सुना दिया। ताज्जुब की बात तो यह है कि पट्टाधारक मौरम का सरपट्टा लगाने में इतना अंधा हो चुका है कि उसके सामने नियम, कायदे, कानून सब बेमानी साबित हो रहे हैं।
नदी की जलधारा में मौरम के लगे ढेर हकीकत बयां करते
उरई। बंधौली मौरम खंड संख्या एक के पट्टाधारक द्वारा बेतवा नदी की जलधारा के बीचों बीच अनेकों स्थानों पर मौरम के लगे ढेर सारी हकीकत बयां कर देते हैं। सवाल यह उठता है कि जब नदी की जलधारा से तीन मीटर दूरी से ही मौरम खनन करने का नियम हैं तो नदी की जलधारा में किसकी सह पर मौरम का खनन कर अधिकांश स्थानों पर ढेर लगाये गये। इस बारे में जिम्मेदार अधिकारियों को चिंतन करना चाहिये।
फोटो परिचय—
बेतवा नदी की जलधारा में लगे मौरम के अवैध ढेर।