
रिपोर्टअनुराग श्रीवास्तव सम्पादक सत्येन्द्र सिंह राजावत
जालौन ।श्रीराम लीला महोत्सव में 9 वे दिन सूर्पनखा नासिका छेदन, सीता हरण से लेकर शबरी मिलन तक प्रसंग का मंचन हुआ। सीता हरण के नए पक्ष को दिखाते हुए 175 महोत्सव में यह दृश्य दिखाया गया कि श्री राम को पहले से ही पता था कि सीता जी का हरण होने वाला है। इसलिए सीता जी पहले ही अग्नि में निवास करने चली जाती हैं। रावण जिस सीता जी का हरण करता है, वह सीता जी का प्रतिबिंब होती है। सीता जी की खोज में जब श्रीराम जाते हैं तब उनकी भेंट शबरी से होती है। शबरी श्रीराम को पंपा सरोवर का पता बताती है और कहती है कि वहां सुग्रीव मिलेंगे और सीता जी की खोज में उनकी वानर सेना ही मदद करेगी। पंचवटी में निवास के दौरान भगवान राम व लक्ष्मण के पास सूर्पनखा के आने तथा विवाह का प्रस्ताव रखने के साथ मामा मारीच के हिरण के रूप में आने व उनके वध की लीला का मंचन किय गया। अंतिम चरण में सीता हरण की लीला का मंचन किया गया। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष शशिकांत द्विवेदी, महेंद्र पाटकार, राजा सिंह सेंगर, मंगल चतुर्वेदी, राम शरण शर्मा, राजकुमार मिझोना, पवन चतुर्वेदी ने सहयोग किया।
फोटो परिचय रामलीला मंचन