उरई

जिलाधिकारी ने विकास योजनाओं में ढिलाई करने वाले 13 अधिकारियों का रोका वेतन

सत्येन्द्र सिंह राजावत

उरई(जालौन)। शासन की प्राथमिकताओं के अनुरूप जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने विकास भवन स्थित रानी लक्ष्मीबाई सभागार में सीएम डैशबोर्ड व विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान 15 विभागों की प्रगति का विस्तृत गहन समीक्षा की गई। अपेक्षित प्रगति न मिलने और कार्यों में लापरवाही पाए जाने पर जिलाधिकारी ने 13 अधिकारियों का अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने के साथ ७ अधिकारियों का स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने कहा कि शासन द्वारा आमजन के कल्याण के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित कर रही है। ऐसे में अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे योजनाओं को समयबद्ध एवं पारदर्शी ढंग से धरातल पर उतारें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी स्तर की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। समीक्षा के दौरान विद्युत विभाग में खराब ट्रांसफार्मरों की शिकायतों के निस्तारण में उदासीनता, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोस्टर अनुसार विद्युत आपूर्ति न होने पर अधिशासी अभियंताओं का वेतन रोका गया। ग्राम्य विकास विभाग में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और डे-एनआरएलएम की प्रगति संतोषजनक न पाए जाने पर परियोजना निदेशक का वेतन रोक। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 102 और 108 एंबुलेंस सेवाओं, टैली रेडियोलॉजी, बायोमेडिकल उपकरण रखरखाव एवं सिटी स्कैन सेवाओं की स्थिति खराब पाए जाने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का वेतन रोका गया। प्राथमिक शिक्षा विभाग की ऑपरेशन कायाकल्प, पीएम पोषण, निपुण आकलन परीक्षा और विद्यार्थियों की उपस्थिति में लापरवाही पाए जाने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का वेतन रोका। इसी प्रकार पशुधन विभाग में निराश्रित गोवंश संरक्षण की प्रगति पर नाराजगी जताते हुए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी का वेतन रोका गया। महिला एवं बाल विकास विभाग में निराश्रित महिला पेंशन और मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की धीमी प्रगति पर प्रभारी प्रोबेशन अधिकारी का वेतन रोका। लोक निर्माण विभाग में सड़कों और सेतुओं के निर्माण एवं अनुरक्षण कार्यों में सुस्ती पाए जाने पर तीन अधिशासी अभियंताओं का वेतन रोका गया। समीक्षा के दौरान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की ओडीओपी टूलकिट और मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की प्रगति भी निराशाजनक पाई गई, जिस पर उपायुक्त उद्योग का वेतन रोका गया। फैमिली आईडी बनाने की प्रगति खराब होने पर उप कृषि निदेशक, समाज कल्याण अधिकारी और प्रोबेशन अधिकारी की निष्क्रियता पर भी कार्यवाही वेतन रोका गया। पंचायती राज विभाग की योजनाओं में प्रगति धीमी रहने पर जिला पंचायत राज अधिकारी का वेतन रोका गया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी के.के. सिंह, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संजय कुमार, अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) प्रेमचंद मौर्य, परियोजना निदेशक अखिलेश तिवारी, जिला विकास अधिकारी निशान्त पाण्डेय तथा डीएसटीओ नीरज चौधरी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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