एन जी टी की संयुक्त टीम ने नगर की कान्हा गौशाला के साथ छिरिया सलेमपुर स्थित गौशाला की परखी व्यवस्थाएँ
बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन। ब्लाक क्षेत्र की गोशालाओं में अव्यवस्थाओं के चलते कई गोशालाओं में मवेशियों की मौत हुई थी। एक समाजसेवी ने एनजीटी में मामले को रखा था। एनजीटी ने गंभीरता दिखाते हुए क्षेत्र की गोशालाओं का निरीक्षण किया।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा गठित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र, नेशनल डेयरी डवलवमेंट, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम के नगर में स्थित कान्हा गोशाला पहुंची। टीम के पहुंचते ही नगर पालिका की अधिशाषी अधिकारी सीमा तोमर भी मौके पर पहुंच गई। टीम ने कान्हा गोशाला का बारीकी से निरीक्षण करते हुए भूसे चारे की व्यवस्था सहित गोवंशी की संख्या सहित उनके रखरखाव तथा उनके द्वारा किए जा रहे गोबर तथा मृत मवेशियों के निस्तारण आदि की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। कान्हा गोशाला में टीम के सदस्यों ने पहुंचकर गोबर के ढेर को देखकर उस पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने टीम के सदस्यों को बताया कि गोवंशी के द्वारा किए जा रहे गोबर से खाद बनाने की प्रक्रिया और गोबर गैस संयत्र को चालू किया जाएगा। उससे प्राप्त धन से गोशाला की व्यवस्थाओं को बेहतर किया जाएगा। बताया कि मृत गोवंशों को गड्ढा खोदकर उन्हें निस्तारित किया जाता है। उधर, टीम ने छिरिया सलेमपुर स्थित अस्थाई गोशाला का भी निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए। टीम के सदस्यों ने बताया कि निरीक्षण आख्या राष्ट्रीय हरित न्यायालय में दाखिल की जाएगी। इस मौकेे पर आईसीआर के साइंटिस्ट डॉ. एके त्रिपाठी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्र कुमार, जिला विकास अधिकारी सुभाषचंद्र त्रिपाठी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड झांसी से दीपा अरोरा, ईओ सीमा तोमर, चेयरमैन गिरीश गुप्ता, प्रधान प्रतिनिधि आशू तिवारी छिरिया सलेमपुर, बीडीओ संदीप कुमार आदि मौजूद रहे।