जालौन

कुठौंद बुजुर्ग में सचिवालय ना होने से ग्रामीणों को भागना पड़ता मुख्यालय

बबलू सिंह सेंगर महिया खास

जालौन(उरई)। ग्राम पंचायत कुठौंदा बुजुर्ग में सचिवालय न होने से ग्रामीणों को विभिन्न कार्यों के लिए तहसील मुख्यालय भागना पड़ता है। गांव के सचिवालय में अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देश होने के बावजूद लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है। जिसके चलते गांव के लोग परेशान हैं। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर गांव में सचिवालय बनवाने एवं अधिकारियों को उसमें बैठने के निर्देश दिए जाने की मांग की है।
कुठौंदा बुजुर्ग निवासी गजेंद्र सिंह सेंगर, हरेंद्र, पुष्पेंद्र आदि ने बताया कि ग्राम पंचायत कुठौंदा बुजुर्ग में लगभग 10 वर्ष पूर्व पंचायत भवन का निर्माण कराया गया था। लेकिन खाऊ कमाऊ नीति के चलते पंचायत भवन बनने के बाद ही जर्जर हो गया। बीते लगभग 5 वर्ष से पंचायत भवन उपयोग में नहीं आ रहा है। पूर्ण रूप से जीर्ण शीर्ण भवन जी जांच के उपरांत पंचायत भवन को गिराकर दोबारा से पंचायत भवन बनाया जाना है। लगभग एक वर्ष पूर्व जब ग्राम पंचायतों का गठन हुआ था। तब प्रत्येक ग्राम पंचायत में सचिवालय बनाने एवं ग्रामीणों को गांव में ही ऑनलाइन सुविधा का लाभ दिए जाने की घोषणा की गई थी। लेकिन एक वर्ष बाद भी कुठौंदा बुजुर्ग गांव में सचिवालय नहीं बना है। लेखपाल, सचिव, पंचायत सहायक, डाटा एंट्री ऑपरेटर आदि को सचिवालय में बैठने के निर्देश हैं। लेकिन सचिवालय न होने का बहाना कर कर्मचारी गांव में नहीं आते हैं। जिससे ग्रामीणों को आय, जाति, निवास, जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र एवं अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। है। लोगों को अपने आवश्यक कार्य के लिए ब्लॉक और तहसील मुख्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जिसमें समय और धन दोनों ही अनावश्यक खर्च हो रहा है। समाजसेवियों ने मुख्यमंत्री से गांव में शीघ्र ही सचिवालय को बनवाने एवं कर्मचारियों को सचिवालय में बैठने के निर्देश दिए जाने की मांग की है।

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