कालपी

सीनियर आई०सी०आर०पी० टीम का समूह की महिलाओं को भड़काऊ ब्यान “” पुराना समूह छोड़ के नए समूह में जुड़ो, सबको अनाज मिलेगा एक सम्मान

 

अमित गुप्ता
कालपी जालौन कालपी तहसील के महेबा ब्लाक के मुसमरिया कलस्टर की ग्राम सरसई में दूसरे नए ग्राम संगठन के गठन को लेकर उठा विवाद नित्य नये-नये रूप ले रहा है ।इस विवाद में पुराने ग्राम संगठन से जुड़े हुए महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को पुराने ग्राम संगठन से तोड़कर नए ग्राम संगठन में जुड़ने को लेकर आरोपों का दौर पिछले चार पांच दिन से लगातार चल रहा है ।इस विवाद को आगे बढ़ाने में मुसमरिया कलस्टर के ब्लॉक मिशन मैनेजर माता प्रसाद यादव की प्रमुख रूप से अग्रणी भूमिका नजर आ रही है ।इस सम्बन्ध में हम आपको बता दें कि “”उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन”” अभियान के अन्तर्गत महेबा ब्लाक को चार भागों में बांटा गया है ।इस प्रत्येक भाग को कलस्टर कहते हैं ।मुसमरिया, महेबा, दमरास और न्यामतपुर ।पूरे महेबा ब्लाक को इन चार कलस्टरों में बांटा गया है ।हर कलस्टर का एक ब्लॉक मिशन मैनेजर होता है ।इसमें मुसमरिया कलस्टर के ब्लॉक मिशन मैनेजर वर्तमान में माता प्रसाद यादव हैं ।मुसमरिया कलस्टर के ग्राम सरसई में नये ग्राम संगठन के गठन को लेकर ब्लॉक मिशन मैनेजर के फरमान को लेकर शुरू से ही समूह की महिलाओं के बीच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलने लगा है ।इस सम्बन्ध में ग्राम सरसई की समूह सखी नीलम देवी कुशवाहा का कहना है कि उनके ग्राम में एक ग्राम संगठन पहले से ही बना हुआ है, जिसका नाम है “”जय हिन्द महिला ग्राम संगठन”” ।इस ग्राम संगठन में नौ समूह पहले से ही जुड़े हुए हैं जिनका वह सफल रूप से संचालन करवा रहीं हैं। अब उनके ग्राम में आठ और दूसरे नए समूहों का गठन हो चुका है ।इन नये समूह को लेकर एक ग्राम संगठन का गठन और होना है। इस नए ग्राम संगठन में पुराने समूह की महिलाओं को जोड़ने के लिए, ग्राम संगठन का गठन करने आई सीनियर आईसीआरपी टीम की महिलाओं के द्वारा पुराने समूह की महिलाओं से भड़काऊ और लोभ लालच की बातों की ब्यानबाजी की जा रही है। इस सम्बन्ध में विदित हो कि ग्राम संगठन का गठन करवाने वाली ब्लॉक से भेजी गई दो या तीन महिलाओं की टीम को सीनियर आईसीआरपी कहा जाता है ।अब हम आपको इस सीनियर आईसीआरपी की टीम की महिलाओं की ,समूह की महिलाओं से भड़काऊ ब्यानबाजी की हकीकत बयां कर रहे हैं(1) अवतार मेहेर बाबा स्वयं सहायता समूह सरसई की सदस्य गीता देवी पत्नी विनोद कुमार खटिक का कहना है कि जिस दिन वह मीटिंग में सचिवालय पर गईं थीं वहां पर यह बताया गया कि पुराने समूह को छोड़कर इसमें जुड़ों तो समूह की सभी महिलाओं को गल्ला मिलेगा ,बच्चों को भी मिलेगा ।(2) हंसो म‌इया महिला स्वयं सहायता समूह सरसई की सदस्य माया पत्नी कैलाश खटिक का कहना है कि मीटिंग में टीम के द्वारा बताया गया है कि हर साल पचहत्तर हजार रुपए आते हैं ।यह पैसा समूह का संचालन करवाने वाली महिलाओं के पति खा गए।(3) हंसो म‌इया महिला स्वयं सहायता समूह की कोषाध्यक्ष उमा पत्नी राम पाल रजक का कहना है कि जिस दिन वह मीटिंग में ग‌ईं थीं,मीटिंग में टीम और जो सर आए थे उनके द्वारा बताया गया है कि अगर किसी के चार बच्चे हैं तो सभी को आंगनबाड़ी का पुष्टाहार क्यों नहीं मिलता है, जिसके जितने बच्चे हैं,उन सभी को पुष्टाहार मिलना चाहिए। सभी बच्चों का पुष्टाहार आता है,क्यों नहीं मिलता है जबकि ग्राम संगठन का आंगनबाडी़ पुष्टाहार से कोई सम्बन्ध है ही नहीं ।

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