
बबलू सेंगर माहिया खास
जालौन।अगर कैंसर का शुरुआती दौर में पता चल जाए, तो इसका इलाज संभव है। हालाँकि, ग्रामीण इलाकों में जागरूकता और चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण अक्सर निदान में देरी होती है, जिससे इलाज और भी जटिल हो जाता है यह बात चिकित्सा अधीक्षक डां के डी गुप्ता ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित कैंसर जागरूकता दिवस के मौके पर आयोजित शिविर में कही।
कैंसर जागरूकता दिवस के मौके पर शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। आयोजित शिविर में लोगों कैंसर को जागरूक किया गया है। इस मौके पर डां राजीव दुबे ने कहा कि कई लोग लगातार खांसी, अस्पष्टीकृत वजन घटना, गांठ या असामान्य रक्तस्राव जैसे प्रारंभिक लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। आर्थिक तंगी के कारण वे तब तक अस्पताल जाने से हिचकिचाते हैं जब तक कि बीमारी गंभीर अवस्था में न पहुंच जाए।महिलाएं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, भय, कलंक या गलत सूचना के कारण नियमित जांच से बचती हैं।कभी भी कोई दिक्कत हो तो वह सही समय पर जांच कराये ।अगर समय पर जांच हो जाये तो हर बीमारी का इलाज सम्भव है। शिविर में 102 लोगों का परीक्षण किया गया जिसमें 4 लोगों संदिग्ध मिले है जिन्हें जांच कराकर उपचार कराने की सलाह दी गयी है। इस मौके पर डां योगेश आर्या, डां विनोद राजपूत, डां सहन विहारी गुप्ता, डां प्राभांशु सिहं, डां हरीशरण, पी एन शर्मा, अवधेश राजपूत आदि मौजूद रहे।


