कोंच(जालौन)। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी द्वारा 15 मई को जारी पत्र में अधिवक्ताओं के लिए जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है उसे वकीलों ने अपनी गरिमा पर कुठाराघात मानते हुए मोर्चा खोल दिया। बार कौंसिल ऑफ यूपी के आह्वान पर शुक्रवार को गुस्से से लाल अधिवक्ताओं ने विरोध दिवस मनाते हुए हड़ताल रखी और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को दिया।
बारसंघ अध्यक्ष संजीव तिवारी की अगुवाई में कोंच के अधिवक्ताओं ने ज्ञापन में कहा कि अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के 15 मई के पत्र की वकीलों के लिए प्रयुक्त भाषा बेहद निंदनीय और आपत्तिजनक है। उन्होंने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि अधिवक्ता न्याय प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग है, लेकिन अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी का यह पत्र न केवल न्याय के शासन और अधिवक्ता के सम्मान पर कुठाराघात करने वाला है बल्कि संविधान द्वारा प्रदत्त सभी को न्याय के संरक्षण से भी वंचित करने वाला है। इस पत्र को लेकर उत्तरप्रदेश बार कौंसिल की आपात बैठक में 20 मई को विरोध दिवस मनाने के लिए निर्देशित किया गया है। ज्ञापन देने वालों में संजीव तिवारी, अवधेश द्विवेदी, विनोद अग्निहोत्री, राकेश तिवारी, पुरुषोत्तमदास रिछारिया, मोहम्मद अफजाल खान, कुलदीप सौनकिया, योगेंद्र अरूसिया, शौकत अली, सौरभ मिश्रा, राघवेंद्र आनंद विदुआ, अमित श्रीवास्तव, हलीम, तेजराम जाटव, नवल किशोर जाटव, ओपी अग्रवाल, ओमप्रकाश कौशिक, संतलाल अग्रवाल, ओमशंकर अग्रवाल, वीरेंद्र जाटव, ब्रजेंद्र मयंक, केके श्रीवास्तव, कमलेश चोपड़ा, मनोज दूरवार, दीनानाथ निरंजन, राजेंद्र शर्मा, रामबाबू निरंजन, रामशरण कुशवाहा, रामबिहारी दुवे, अंबरीश रस्तोगी, पुष्कर शर्मा, विनोद निरंजन सेता, राजेंद्र निरंजन, जीवन लाल अशोक, भानु जाटव सहित तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे।