अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन (उरई)। भगवान कृष्ण ने अत्याचारी कंस को मारा, धरती पर बढ़ रहे पाप को मिटाया, लीला धारी कन्हैया ने गोपिकाओं के साथ रचाया रास। यह बात ग्राम छिरिया सलेमपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत् सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन कथा व्यास पं. हरिओम थापक शास्त्री ने कही। क्षेत्रीय ग्राम छिरिया सलेमपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन भागवताचार्य पं. हरिओम थापक शास्त्री ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन किया। कहा कि धरती पर कंस के अत्याचार बढ़ रहे थे। धरती पापों से कराह रही थी, तब कन्हैया का अवतार हुआ। अत्याचारी को मारने के लिए जन्म से ही भगवान ने बालपन में ही पूतना जैसी राक्षसी का नाश किया। भगवान कृष्ण को मारने के लिए कंस ने तमाम तरह के तमाम प्रकार के प्रयोग किए। लेकिन भगवान तो सभी की महिमा जानते हैं। तीनों लोकों के स्वामी श्री कृष्ण का अवतार लेकर गोपीयों के साथ नृत्य किया। बताया कि जब भगवान का कारागार में जन्म हुआ तो रात के आधे काल में सब पहरेदार सम्मोहन में आ गए। वासुदेव की बेड़ी खुल गई। तब देवकी के परामर्श अनुसार बालक को टोकरी में रखकर यमुना पार कर गोकुल में नंदग्राम में कन्या से बदल आए। उस समय यमुना पूरे उफान पर थी। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण के पैर का स्पर्श होते ही वह शांत हो गई। नंद के यहां 75 वर्ष बाद बालक हुआ था तो इस पर नंदग्राम में खुशियां मनाई गई। उधर, कंस को सूचना दी कि देवकी को आठवां बालक हुआ है तो उसने देवकी से कन्या को छीनकर पत्थर पर पटकना चाहा। लेकिन वह आकाश मार्ग से स्वर्गारोहण कर गई। कंस को बता दिया कि तेरा मारने वाला ब्रज मंडल में अवतरित हो गया है। कथा व्यास ने अनेक सुंदर प्रसंग सुनाते हुए कहा कि सभी अपने परिवारों को सुधारे तो पूरा भारत देश सुंदर हो जाएगा। इस मौके पर पारीक्षित वीरेंद्र श्रीवास्तव, प्रकाशवती, जनकदुलारी, सतीशचंद्र, राजकुमारी, दिनेश कुमार, अतुल अमित, अखिल आदि भक्त मौजूद रहे।
फोटो परिचय- भागवताचार्य पं. हरिओम थापक शास्त्री