अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन (उरई)। संचारी रोगों से बचने के लिए जरूरी है कि जागरूक हों और संचारी रोगों से बचने के उपाय आजमाएं। यह बात प्राथमिक नगरीय स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. सहन बिहारी गुप्ता ने कही।
प्राथमिक नगरीय स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. सहन बिहारी गुप्ता ने बताया कि संचारी रोगों से बचाव के लिए विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें जिसमें आंगनबाड़ी व आशा घर घर जाकर लोगों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक कर रही हैं। जिसमें रोग के लक्षण और उनसे बचाव की जानकारी पहुंचाई जा रही है। उन्होंने बताया कि दिमागी बुखार जापानी इंसेफ्लाइटिस एक मच्छर जनित रोग है। यह मच्छर अक्सर धान के खेतों एवं पानी के तालाबों में रहते हैं। संक्रमण के बाद विषाणु मनुष्य के मस्तिक एवं रीढ़ की हड्डी सहित केंद्रीय नाड़ी तंत्र में प्रवेश कर जाते है। कहा कि शुरूआत में फ्लू जैसी बीमारी के लक्षण के साथ बुखार आना, ठंड लगना, थकान महसूस होना, सिर दर्द, उल्टी आना तथा घबराहट हो सकती है। इलाज के अभाव में आगे चलकर उपरोक्त लक्षण 30 प्रतिशत से अधिक होने पर इंसेफ्लाइटिस का रूप धारण कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि घरों के आसपास स्वच्छता का ध्यान रखें। कूड़ा करकट एक जगह एकत्रित न होने दें। घास फूस और झाड़ियों को हटाते रहे। बिना चप्पल या जूते के फर्श या रास्ते पर न चलें। मच्छरों से बचने के लिए पूरी बांह वाली कमीज और पेंट पहनें। घर मंे मच्छरदानी या क्वाइल का प्रयोग करें। स्वच्छ व ताजा पेयजल पिएं। उक्त उपायों को अपनाकर काफी हद तक संचारी रोगों से बचा जा सकता है। इसके बाद भी यदि कोई समस्या आती है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।