अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन (उरई)। नगर व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने शब ए बारात के मौके पर कब्रिस्तान पर जाकर फातिहा पढ़ी और शनिवार को रोजा रखा।
सुब्हानी मस्जिद के इमाम मौलाना शहाबुद्दीन बताते हैं कि शबान महीने की 15वीं रात को शब-ए-बारात कहा जाता है। अगले दिन रोजा रखा जाता है। बताया कि हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया जब शाबान महीने में चांद की 15वीं रात आए तो उस रात को जागकर इबादत करो और दिन में रोजा रखो। क्योंकि इस मुबारक रात में अल्लाह अपने बंदों से फरमाता है, कोई है माफी मांगने वाला, जिसे मैं माफ करूं। है कोई रिज्क (रोजी) मांगने वाला जिसे मैं रोजी आता करूं। कहा कि जो लोग ऐसी मुबारक रातों को जागकर अपने रब की इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी चाहते हैं अल्लाह उनसे खुश होकर उन्हें माफ कर देता है। मौलाना सुल्तान बताते हैं कि इस रात को अपने खानदान के लोगों की कब्रों पर जाकर और औलिया-ए-किराम की मजारातों में जाकर फातिहा पढ़नी चाहिए और उनकी मगफिरत के लिए अल्लाह से रो रोकर दुआ करनी चाहिए। शब ए बारात में लोगों ने रात में जहां कब्रों पर जाकर फातिहा पढ़ी रात इबादत के साथ गुजारी। शनिवार को रोजा रखकर दुआए मगफिरत की।