जालौन

जन सूचना अधिकार अधिनियम के प्रति गम्भीर नहीं सूचना अधिकारी

अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास

जालौन (उरई)। सूचना अधिकारी जन सूचना अधिकार अधिनियम को गम्भीरता से नहीं ले रहे हैं। यहीं कारण है निर्धारित समय सीमा बीतने के बाद भी वह आवेदकों को सूचनाएं उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। सूचनाएं न मिलने के कारण अधिनियम की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। भ्रष्टाचार को रोकने व प्रशासन में पारदर्शिता लाने के लिए जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 को लागू किया गया। नियम लागू होने के बाद लोगों ने इसे हथियार के रूप में प्रयोग किया। इसका परिणाम हुआ कि लोगों को इसका लाभ मिला।अब जन सूचना अधिकारी इस अधिनियम को तवज्जो नहीं दी जा रही है। क्षेत्र पंचायत कार्यालय के जन सूचना अधिकारी इस अधिनियम को तवज्जो नहीं दी जा रही है तथा जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराते हैं। ग्राम पंचायत के सूचना अधिकारी इन आवेदनों को कूड़ेदान में डाल देते हैं। आवेदक अनुराग ने 9 सितंबर 21 को जन सूचना अधिकारी से 7 विन्दुओ पर सूचनाएं मांगी थी। 30 दिन के स्थान पर 180 दिन से ज्यादा बीत गये किन्तु सूचना उपलब्ध नहीं करायी। जन सूचना अधिकार अधिनियम को गम्भीरता लेने तथा सूचनाएं उपलब्ध न कराने पर आवेदक ने इसकी शिकायत मुख्य विकास अधिकारी से की है। सी डी ओ से जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 का माखौल बनाने वाने जन सूचना अधिकारियों के खिलाफ लम्बित आवेदनों की जांच कराकर कार्रवाई कराये जाने की मांग की है।

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