बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन(उरई)। आम जनता से जुड़ी सेवाओं को निर्धारित समय सीमा में उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा सिटीजन चार्टर लागू किया है। सिटीजन चार्टर लागू होने के बाद जिलाधिकारी कार्यालय से जारी होने वाले प्रमाणपत्र निर्धारित समय सीमा में नहीं बन पा रहे हैं। निर्धारित समय सीमा में प्रमाण पत्र न बनने के कारण लोगों को परेशान हो रही है।
जिलाधिकारी कार्यालय से आम जनता के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती है तथा प्रमाण जारी किये जाते हैं। कार्यालय से जारी होने वाले चरित्र प्रमाण पत्र व हैसियत प्रमाण पत्र को लेकर लोगों को खासी परेशानी होती है। सबसे ज्यादा परेशानी चरित्र प्रमाण पत्र को लेकर होती है। कार्यालय के लिपिक की दोषपूर्ण कार्य प्रणाली के कारण जनता को सिटीजन चार्टर का लाभ नहीं मिल पा रहा है। चरित्र प्रमाण पत्र का काम देख रही लिपिक आरती का व्यावहार जनता के प्रति अच्छा नहीं है। लोगों से सीधे मुंह बात नहीं करती है तथा पैसों के चक्कर में काम रोके रहती है। जब तक आवेदक पैसा नहीं देता है तब तक प्रमाणपत्र का प्रिंट तक नहीं निकाला जाता है। पैसा लेते हुए पकड़े न जाय इस लिए पैसों की वसूली प्राइवेट व्यक्ति से करायी जा रही है। यही कारण है कि 30 दिन में बनने वाला चरित्र प्रमाण 2 – 3 महीने में बन पा रहे हैं। अधिवक्ता जय किशोर, दीपक शर्मा, संजीव कुमार श्रीवास्तव, दिलीप कुमार ने जिलाधिकारी से मांग की है कार्यालय में सिटीजन चार्टर को प्रभावी बनाया जाय तथा चरित्र प्रमाण का काम देख रहे लिपिक द्वारा की जा वसूली की जांच कराकर नियमानुसार कार्यवाही की जाये जिससे लोगों को प्रमाण पत्र सुगमता से व समय से प्राप्त हो सके।