उरई

लोक अदालत की सफलता हेतु न्यायिक अधिकारियों ने की मंत्रणा

उरई (जालौन)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार आगामी 12 मार्च को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में बुधवार को जनपद न्यायाधीश तरूण सक्सेना के निर्देशन में नोडल अधिकारी, अपर जिला न्यायाधीश सुरेश चन्द्र के विश्राम कक्ष में न्यायिक अधिकारियों के साथ बैठक सम्पन्न हुई। इसमें उपस्थित न्यायिक अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
तैयारी बैठक में आज नोडल अधिकारी, अपर जिला न्यायाधीश सुरेश चन्द्र ने उपस्थित सभी न्यायिक अधिकारियों को निर्देशित किया कि जो मामले नेशनल ज्यूडिशियल डाटा ग्रिड (एनजेडीजी) पर दर्ज है, मात्र वहीं मामले इस लोक अदालत में निस्तारित किये जायेंगे। ऐसी स्थिति में सभी न्यायिक अधिकारी उनके न्यायालयों में विचाराधीन मामलों में से ऐसे मामलों को तत्काल चिन्हित करके संबंधित पक्षकारों को अविलम्ब सूचित करें, ताकि न्यायालय से प्रेषित नोटिस, सम्मन की तामीला समय पर हो सके और अधिक से अधिक वादकारीगण राष्ट्रीय लोकअदालत में सहभागिता कर सके। उन्होंने कहाकि प्रायः ऐसा देखने में आता है कि या तो न्यायालय से सम्मन, नोटिस विलम्ब से प्रेषित किये जाते है अथवा उनकी तामीला समय से नहीं हो पाती। इस कारण प्रेषित किये गये सम्मन, नोटिस के सापेक्ष वादकारियों की उपस्थिति न्यायालय में अत्याधिक कम हो पाती है। इसका प्रभाव निस्तारित मामलों की संख्या पर पड़ता है। इसलिये सभी न्यायिक अधिकारी इस तथ्य का संज्ञान लेते हुये इसे अपने स्तर पर माॅनीटर करें। उन्होंने यह भी कहाकि राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन में लगभग एक सप्ताह का समय शेष है। इसलिये सभी न्यायिक अधिकारी अधिकाधिक मामलों के निस्तारण पर ध्यान केन्द्रित करें। उन्होंने सभी न्यायिक अधिकारियों से कहाकि वे वादकारियों को सुलह-समझौते के लिये प्रेरित करें और अधिक से अधिक प्रकरणों का निस्तारण करें। बैठक में सिविल जज (जूडि) पलाश गांगुली, सुश्री रागिनी मिश्रा, सुभाष एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट तुषार जायसवाल आदि न्यायिक अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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